पहाड़ चढ़ रहा अतिक्रमण (Encroachment ) भेंट
अजमेर. खूबसूरती के लिए विख्यात अरावली की पहाडिय़ों(Aravali’s hills) पर अवैध कब्जे (Illegal possession)दिनों-दिन बढ़ रहे हैं। इनमें ज्यादातर क्षेत्र वन विभाग(Forest department) के अधीन हैं। हालांकि विभाग ने कई बार अतिक्रमण ध्वस्त किए हैं, लेकिन अतिक्रमियों के सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। गुरुवार को नागफणी में हुआ हादसा अवैध रूप मे कब्जा कर बनाए जा रहे मकान के कारण हुआ है।
अजमेर. खूबसूरती के लिए विख्यात अरावली की पहाडिय़ों(Aravali’s hills) पर अवैध कब्जे (Illegal possession)दिनों-दिन बढ़ रहे हैं। इनमें ज्यादातर क्षेत्र वन विभाग(Forest department) के अधीन हैं। हालांकि विभाग ने कई बार अतिक्रमण ध्वस्त किए हैं, लेकिन अतिक्रमियों के सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। गुरुवार को नागफणी में हुआ हादसा अवैध रूप मे कब्जा कर बनाए जा रहे मकान के कारण हुआ है।
शहर में नागफणी-बोराज, तारागढ़ संपर्क सडक़, शास्त्री नगर-वैशाली नगर, आंतेड़-राजीव कॉलोनी के क्षेत्र, पंजीयन कार्यालय के पीछे, जटिया कॉलोनी सहित अन्य इलाकों में कई लोगों ने पहाड़ी पर कब्जे कर लिए हैं। यहां पक्के-कच्चे मकानों-कमरों, दुकानों का निर्माण धडल्ले से जारी है। लोगों के पास बिजली-पानी के कनेक्शन भी हैं। साल 1990-91 तक अरावली की पहाडिय़ों पर अतिक्रमण कम थे। पिछले 28 वर्षों में हालात बिगड़ चुके हैं।
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बन चुकी हैं सघन बस्तियां दरगाह-तारागढ़-आमाबाव के इलाके में पहाडिय़ों पर अवैध कब्जे सर्वाधिक हुए हैं। यहां सघन बस्तियां बन चुकी हैं। यही स्थिति नागफणी-बोराज क्षेत्र, आंतेड़-राजीव कॉलोनी की पहाड़ी इलाकों की है। लोगों ने पहाड़ी क्षेत्र में नालों-पथरीले इलाकों में अवैध बाड़े, मकान बना लिए हैं। मालूम हो कि साल 2011-12 में राजस्थान हाईकोर्ट ने अरावली से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। तत्कालीन संभागीय आयुक्त अतुल शर्मा के कार्यकाल में कच्ची बस्तियों में नोटिस भी जारी हुए, लेकिन सियासी दलों के विरोध के चलते कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
नागफणी (nagfani)में हटाया था अतिक्रमण
वन विभाग ने पिछले दस महीने में नागफणी इलाके से दो बार अतिक्रमण हटाया था। अप्रेल में कुछ लोगों ने विभाग की 800 वर्ग गज जमीन पर कमरे-चारदीवारी बना ली थी। वन विभाग की टीम ने मौके पर निर्माणाधीन कमरे-चारदीवारी को हटाया। इसी क्षेत्र में बीते साल जुलाई-अगस्त में भी नींव खोदकर कमरों के निर्माण का प्रयास किया गया था। उस समय भी विभागीय टीम ने कार्रवाई कर अतिक्रमण हटाया था।
वन विभाग ने पिछले दस महीने में नागफणी इलाके से दो बार अतिक्रमण हटाया था। अप्रेल में कुछ लोगों ने विभाग की 800 वर्ग गज जमीन पर कमरे-चारदीवारी बना ली थी। वन विभाग की टीम ने मौके पर निर्माणाधीन कमरे-चारदीवारी को हटाया। इसी क्षेत्र में बीते साल जुलाई-अगस्त में भी नींव खोदकर कमरों के निर्माण का प्रयास किया गया था। उस समय भी विभागीय टीम ने कार्रवाई कर अतिक्रमण हटाया था।
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इनका कहना है…ध्वस्त मकान वन विभाग की जमीन पर है या नहीं पहले इसकी जांच कराई जाएगी। वन विभाग की जमीन पर कहां-कहां कब्जे और अतिक्रमण हैं, इसका अवलोकन कराएंगे। इसके बाद सरकार(Government) को रिपोर्ट भेजेंगे।
सुदीप कौर, उप वन संरक्षक, अजमेर मंडल