मध्य राजस्थान में अजमेर, जयपुर एवं टोंक जिले में अरावली की पहाड़ियां निशाने पर हैं, जिनमें खनन की गतिविधियां चल रही हैं। राजस्थान के 15 जिलों में अरावली पर्वतमाला का 80 प्रतिशत हिस्सा है।
सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी की 2018 की रिपोर्ट के अनुसार 1967—68 के बाद राजस्थान में अवैध खनन के कारण अरावली पर्वत श्रृंखला का 25 प्रतिशत हिस्सा समाप्त हो गया है।
राज्य के 2024 के बजट में अरावली की पहाड़ियों में 30 हजार हैक्टेयर भूमि पर पौधरोपण कराने की घोषणा की गई है। इससे अवैध खनन पर अंकुश लग सकता है।
खासकर ग्रामीण क्षेत्र के पास अरावली की पहाड़ियों में अवैध खनन ज्यादा हो रहा है। यहां पंचायतों का रुख अलग रहता है, ग्रामीण भी मौन रहते हैं। अजमेर के निकट खरेखड़ी में भी अवैध खननकर्ता गोशाला में आर्थिक मदद एवं संचालन के नाम पर बेरोकटोक खनन करते हैं।