भारी बारिश के कारण पुष्कर में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। इससे पुष्कर सरोवर के पीछे बड़ा एवं छोटा पुल पूरी तरह डूब गया। पुष्कर थाना पुलिस मौके पर मौजूद हैं तथा सिविल डिफेंस की टीम यात्रियों को सुरक्षित निकालने का काम कर रही है। पुष्कर के कई होटलों एवं घरों में पानी भर गया है, होटलों से विदेशी सैलानियों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है। पुष्कर गुरुद्वारे के पीछे भारी बारिश के चलते पानी की आवक से तीस फुट की दीवार टूट गई। पुष्कर सरोवर भी लबालब नजर आ रहा है।
मूसलाधार बरसात के कारण अजमेर शहर में निचली बस्तियां जलमग्न है। बरसात का दौर शुक्रवार अपराह्न करीब तीन बजे बाद शुरू हुआ जो शनिवार सुबह तक जारी था। पूरी रात आई तेज बरसात के चलते नागफनी दरगाह बाईपास नई सड़क पर पहाड़ों का टूटना भी जारी है। कुछ चट्टानों के टूटने से उसके पत्थर सड़कों पर आ गए है, जिसके चलते आवागमन बाधित हुआ। इसी तरह नया बाजार क्षेत्र में पुरामहत्व की बादशाह बिल्डिंग के समीप श्रीयाजी का एक जर्जर मकान भी गिर गया। हालांकि किसी जनहानि की सूचना नहीं है।
आगरा गेट शिवसागर परकोटे की दीवार भी गिरने के समाचार है। वैशाली नगर क्षेत्र जो बरसात के साथ साथ आनासागर के पानी से भी प्रभावित है पर यातायात अवरुद्ध है। लोग जोखिम उठाकर सड़क को पार कर रहे हैं और यहां जाम लगा हुआ है। इसी तरह फाईसागर रोड के अनेक क्षेत्र, गुर्जर धरती नगरा, पालबीचला, रावड़िया मौहल्ला आदि ऐसे इलाके है जो बरसात के पानी से बेहद प्रभावित है। आनासागर की ओर सागर विहार कॉलोनी से एक अगस्त को आई बरसात का पानी जिला प्रशासन पूरी तरह निकाल भी नहीं पाया कि एक बार फिर बरसात ने आनासागर के किनारे बनी लगभग सभी कॉलोनियों को जलमग्न कर दिया। नगर निगम प्रबंधन ने बड़े पंप सैट पानी निकालने के लिए स्थापित किये हुए हैं।
जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने भी मौसम विभाग की चेतावनी के बाद स्कूलों में छुट्टी घोषित की है। अच्छी बारिश के कारण अजमेर जिले के किशनगढ़ में गुदलाव तालाब पर चादर चलने लगी है वहीं हमीर तालाब लबालब नजर आने लगा है। भारी बारिश के कारण टोंक जिले में स्थित बीसलपुर बांध में पानी की तेज आवक के चलते उसका जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बीसलपुर परियोजना केकड़ी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह दस बजे तक बांध का जलस्तर 314.19 आरएल मीटर तक पहुंच गया। इससे बांध अपनी भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर के लगभग पास पहुंच गया है और पानी की आवक इसी तरह जारी रही तो इसके गेट भी कभी खोले जा सकते है।