अजमेर. एक निजी महाविद्यालय की शोधार्थी मोनिका कनन ने छह माह के शोध में आनासागर में बार-बार फैल रही जलकुंभी का कारण झील का तापमान व इसमें मौजूद तत्वों को मिलने से रोकने के उपाय करने को इसके नियंत्रण में कारगर बताया है।
उनके द्वारा आनासागर में जलकुंभी वृद्धि के कारण, प्रभाव और समाधान पर किए शोध को यूजीसी केयर लिस्टेड जर्नल डेक्कन जियोग्राफर के लिए चुना गया है। शोध में ऋषि सक्सेना, कंप्यूटर विज्ञान विभाग और कुमार गौरव, भूगोल विभाग का सहयोग रहा। झील में जलकुंभी की अधिकता के कारण प्रवासी पक्षियों की संख्या भी इस मौसम में कम हो गई है।