पर्यावरण स्वच्छता (environment) और हरियाली (green plants ) को बढ़ाने के लिए महर्षि दयांनद सरस्वती विश्वविद्यालय नई शुरुआत करने वाला है। यहां राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवक (NSS)(विद्यार्थी) को पौधो की सार-संभाल का जिम्मा सौंपा जाएगा। इनकी देखभाल और स्वच्छता के लिए पुरस्कार भी दिए जाएंगे।
कायड़ रोड स्थित विश्वविद्यालय के परिसर में हजारों पेड़-पौधे लगाए गए हैं। पेड़ों की बहुतायत और हरियाली के लिहाज से यह शहर के चुनिंदा संस्थानों में शामिल है। यहां उद्यान विभाग ठेकेदारों और कार्मिकों के माध्यम से हरे पौधों और घास की देखभाल करता है। विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाइयों ने विद्यार्थियों को भी इससे जोडऩे का फैसला किया है।
दिए जाएंगे पार्क और पौधे गोद
राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाइयों (nss units) में शामिल एमए, एम.कॉम और एमएससी प्रीवियस और फाइनल के विद्यार्थियों को परिसर में पौधे और पार्क गोद (adopt park) दिए जाएंगे। विद्यार्थी पौधो में पानी, खाद और सफाई का ध्यान रखेंगे। प्रत्येक पौधे के सामने विद्यार्थियों ( university students )का नाम लिखा होगा। श्रेष्ठ पार्क (park )और पौधों (plants) की देखभाल करने वाले विद्यार्थियों को समारोह का आयोजन कर कुलपति (vice chancellor) या अन्य अधिकारी प्रमाण पत्र और पुरस्कार प्रदान करेंगे।
राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाइयों (nss units) में शामिल एमए, एम.कॉम और एमएससी प्रीवियस और फाइनल के विद्यार्थियों को परिसर में पौधे और पार्क गोद (adopt park) दिए जाएंगे। विद्यार्थी पौधो में पानी, खाद और सफाई का ध्यान रखेंगे। प्रत्येक पौधे के सामने विद्यार्थियों ( university students )का नाम लिखा होगा। श्रेष्ठ पार्क (park )और पौधों (plants) की देखभाल करने वाले विद्यार्थियों को समारोह का आयोजन कर कुलपति (vice chancellor) या अन्य अधिकारी प्रमाण पत्र और पुरस्कार प्रदान करेंगे।
पत्रिका ने भी लगवाए हैं पौधे… पत्रिका ने हरयालो राजस्थान तहत विश्वविद्यालय में कई बार पौधरोपण कराया है। हाल में 11 जुलाई को परिसर में पौधरोपण कार्यक्रम कराया गया था। विश्वविद्यालय ने पौधों की सार संभाल के लिए तारबंदी और लोहे का गेट लगवाने का फैसला किया है। ताकि यहां वाटिका तैयार हो सके।
फैक्ट फाइल
विश्वविद्यालय की स्थापना -1 अगस्त 1987 अध्ययनरत विद्यार्थी-करीब 1 हजार पेड़-पौधों की संख्या-करीब 8 से 10 हजार परिसर में उद्यान-2 (विद्या एवं अन्य) कार्यरत राष्ट्रीय सेवा यूनिट-तीन राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत विद्यार्थियों को पौधे गोद दिए जाएंगे। इसकी शुरुआत मौजूदा सत्र से की जाएगी। प्रशासन से चर्चा कर जल्द इसका काम शुरू कराया जाएगा।
प्रो. सुभाष चंद्र, जूलॉजी विभागाध्यक्ष और एनएसएस ईकाई प्रभारी
विश्वविद्यालय की स्थापना -1 अगस्त 1987 अध्ययनरत विद्यार्थी-करीब 1 हजार पेड़-पौधों की संख्या-करीब 8 से 10 हजार परिसर में उद्यान-2 (विद्या एवं अन्य) कार्यरत राष्ट्रीय सेवा यूनिट-तीन राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत विद्यार्थियों को पौधे गोद दिए जाएंगे। इसकी शुरुआत मौजूदा सत्र से की जाएगी। प्रशासन से चर्चा कर जल्द इसका काम शुरू कराया जाएगा।
प्रो. सुभाष चंद्र, जूलॉजी विभागाध्यक्ष और एनएसएस ईकाई प्रभारी