क्या था प्रकरण मरेना क्षेत्र के बिचपुरी, इन्द्राबली, फरासपुरा, मरैना इत्यादि गांव से हजारों युवा सेना भर्ती की तैयारी कर रहे हैं, जो दिनभर पसीना बहाते हैं। इनमे से दर्जनों युवा मानसून के मौसम में सड़कों के किनारे पौधारोपण करने पौधरोपण करना चाहते हैं। जिससे सेना भर्ती की तैयारी के साथ इनका पालन पोषन भी किया जा सके। इसके लिए नए पौधे लेने के लिए वे दोपहर को वन विभाग मरैना की नर्सरी पहुंचे।
इन्द्राबली मार्ग स्थित वन विभाग की नर्सरी पर उन्हें विभाग का एक भी कार्मिक मौजूद नहीं मिला, जो उन्हें पौधे उपलब्ध करा सके। ना ही किसी भी प्रकार की क्यारियां व पौधे दिखे। युवाओं ने पूरे नर्सरी परिसर को भलिभांति से इधर उधर देखा तो उन्हें वहां सिर्फ देसी शराब के पव्वे, नमकीन के रैपर व प्लास्टिक के ग्लास का ढ़ेर सारा कचरा नजर आया। ऐसे हालात देखकर पौधे लेने आए युवाओं में आक्रोश फैल गया।
इन्द्राबली मार्ग स्थित वन विभाग की नर्सरी पर उन्हें विभाग का एक भी कार्मिक मौजूद नहीं मिला, जो उन्हें पौधे उपलब्ध करा सके। ना ही किसी भी प्रकार की क्यारियां व पौधे दिखे। युवाओं ने पूरे नर्सरी परिसर को भलिभांति से इधर उधर देखा तो उन्हें वहां सिर्फ देसी शराब के पव्वे, नमकीन के रैपर व प्लास्टिक के ग्लास का ढ़ेर सारा कचरा नजर आया। ऐसे हालात देखकर पौधे लेने आए युवाओं में आक्रोश फैल गया।
नर्सरी कार्यालय के भवन के सामने वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी व प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि सरकार करोड़ों रुपए खर्च करके सघन पौधरोपण करवाना चाहती है और विभाग के कर्मचारी कागजों में नौकरी करके ही वेतन ले रहे हैं।
राजाखेड़ा नर्सरी में भी यही हाल
राजाखेड़ा नर्सरी में भी यही हाल
वहीं राजाखेड़ा उपखण्ड मुख्यालय पर स्थापित नर्सरी में भी यही हालत है। व्यापारी नेता लक्ष्मीकांत गुप्ता ने इस सम्बंध में एक ज्ञापन विभाग के सीसीएफ सी आर मीणा को भेजकर स्थानीय कर्मचारियों पर लापरवाही और घरों से नौकरी करने का आरोप लगा कर कार्यवाही की मांग उठाई है।