दवा खरीद प्रक्रिया को बनाया सरल
अस्पताल के मुख्य लेखाधिकारी भागीरथ सोनी की पहल पर अधीक्षक डॉ. अरविन्द खरे ने मरीजों के उपचार एवं दवाइयों की कमी होने पर जल्द खरीद करने की प्रक्रिया को सरल बनाया है। इसके लिए आरटीपीपी रुल्स 3 के तहत स्थायी क्रय समितियां बनाई गई है। दो समितियां बनाई हैं जिनकी स्वीकृति राशि की सीमा तय की गई है। पूर्व में दवा व उपकरण खरीद के लिए हर बार नई समिति गठित की जाती थी। मुख्य क्रय समिति दो लाख से अधिक की समस्त ख़रीद कर सकेगी। यह भी पढ़ें
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टेंडर प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में टेंडरों की व्यापक पब्लिसिटी के लिए विशेष पहल की गई है। हर टेंडर की एक कॉपी राजस्थान के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों, बड़े अस्पतालों, राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन आदि को भेजी जाएगी। अभी तक ऐसा नहीं होता था। अभी कई टेंडरों में एक फर्म ही आती थी। अब अधिक फ़र्में आएंगी। ज़्यादा पब्लिसिटी होने से सस्ती दवाइयां व सामान मिलेगा।संबंधित विभागों से रिपोर्ट व सुझाव आमंत्रित
संबंधित विभागों से रिपोर्ट व सुझाव भी आमंत्रित किए जाएंगे। अभी क़रीब 50 से अधिक आइटम व दवाइयां रिजेंट्स आदि प्रोप्राइटरी की श्रेणी में हैं, जो कि मोनोपॉली वाले हैं। इनका सप्लायर कोई ना कोई एक ही है, जिनसे बिना टेंडर सिंगल सोर्स के तहत करोड़ों रुपए की सालाना ख़रीद होती है। यह भी पढ़ें : राजस्थान में कुदरत का करिश्मा, पहले ही प्रसव में महिला ने दिया चार बच्चों को जन्म