मुख्यमंत्री ने इन कार्यक्रमों में की शिरकत
गहलोत एक अप्रेल को जवाहर स्कूल में संभाग स्तरीय सम्मेलन में शामिल हुए। इसके बाद 21 अप्रेल को चन्दवरदायी खेल स्टेडियम में संभाग स्तरीय मेगा जॉब फेयर में शामिल हुए। अब शुक्रवार को फिर उनकी यात्रा को लेकर कांग्रेस पार्टी में उत्साह नजर आ रहा है।
गहलोत एक अप्रेल को जवाहर स्कूल में संभाग स्तरीय सम्मेलन में शामिल हुए। इसके बाद 21 अप्रेल को चन्दवरदायी खेल स्टेडियम में संभाग स्तरीय मेगा जॉब फेयर में शामिल हुए। अब शुक्रवार को फिर उनकी यात्रा को लेकर कांग्रेस पार्टी में उत्साह नजर आ रहा है।
पायलट की अजमेर से दूरी की भी चर्चा
उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट 2009 में अजमेर से सांसद रहे थे। उन्हें यूपीए सरकार में मंत्री भी बनाया गया था। 2014 के लोकसभा चुनाव भी उन्होंने अजमेर से लड़ा था। हालांकि प्रदेश के तत्कालीन कबिना मंत्री और कद्दावर जाट नेता सांवरलाल जाट (भाजपा) से वे चुनाव हार गए। टोंक विधायक व पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट लम्बे समय से अजमेर शहर में किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। शहर व कांग्रेस में भी चर्चा है कि कांग्रेस संगठन का कार्यक्रम हो चाहे पार्टी के अन्य आयोजन में पायलट नहीं आए। उनकी दूरी कांग्रेस नेताओं को अब खलने लगी है। जबकि बड़ी संख्या में यहां उनके समर्थक भी है। अजमेर जिले के मसूदा विधायक राकेश पारीक पायलट के करीबी हैं।
उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट 2009 में अजमेर से सांसद रहे थे। उन्हें यूपीए सरकार में मंत्री भी बनाया गया था। 2014 के लोकसभा चुनाव भी उन्होंने अजमेर से लड़ा था। हालांकि प्रदेश के तत्कालीन कबिना मंत्री और कद्दावर जाट नेता सांवरलाल जाट (भाजपा) से वे चुनाव हार गए। टोंक विधायक व पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट लम्बे समय से अजमेर शहर में किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। शहर व कांग्रेस में भी चर्चा है कि कांग्रेस संगठन का कार्यक्रम हो चाहे पार्टी के अन्य आयोजन में पायलट नहीं आए। उनकी दूरी कांग्रेस नेताओं को अब खलने लगी है। जबकि बड़ी संख्या में यहां उनके समर्थक भी है। अजमेर जिले के मसूदा विधायक राकेश पारीक पायलट के करीबी हैं।