अजमेर एवं आस-पास के ग्रामीण क्षेत्र में शुक्रवार सुबह करीब दो घंटे हुई मूसलाधार बारिश के बाद फॉयसागर झील की चादर तेज हो गई। लगातार पानी बहने से झील की पाल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ। रिटेनिंग वॉल के नीचे तीन-चार जगह से पानी का तेज रिसाव होने के बाद जिला प्रशासन ने एसडीआरएफ एवं सिविल डिफेन्स टीम को अलर्ट कर मौके पर रवाना किया। शाम करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद मिट्टी से भरे करीब 300 कट्टे लगाकर पाल को सुरक्षित किया। सूत्रों के अनुसार फॉयसागर झील की पाल में चादर चलने वाली दीवार का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। झील का जलस्तर 27 फीट हो चुका है, जो कि भराव क्षमता के बराबर है।
आस-पास के इलाकों में बढ़ा खतरा
उफनती फॉयसागर झील से आस-पास के इलाकों में खतरा बढ़ गया है। डिफेंस कॉलोनी, रावत नगर, बोराज, हाथीखेड़ा और आस-पास के इलाकों में बरसात से पानी भरा हुआ है। बांडी नदी से पानी की आवक से झील का जलस्तर बढ़ गया है। पाल टूटने के बाद वेग से पानी की निकासी हो रही है।49 साल में सर्वाधिक उफान
फॉयसागर झील में अरावली की पहाड़ी से बांडी नदी का पानी पहुंचता है। ब्रिटिशकाल में 19वीं शताब्दी में निर्मित फॉयसागर झील 1975 में आई बाढ़ के दौरान उफनी थी। 49 साल बाद इसमें सर्वाधिक पानी की आवक हुई है।इनका कहना है…
फॉयसागर की हाथीखेड़ा गांव वाली रिटेनिंग वाल (पाल) में कुछ स्थानों पर कंकरीट हटने से छेद हो गए, जिससे पानी का रिसाव शुरू हो गया। निगम व आपदा प्रबंधन की टीम ने मौके पर मिट्टी के कट्टे लगाकर रिसाव को बंद कर दिया है।-मनोहर सोनगरा, अधिशासी अभियंता, नगर निगम