महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय का नवां दीक्षान्त समारेाह 1 अगस्त को होगा। इसमें शोधार्थियों की डिग्रियां और श्रेष्ठ विद्यार्थियों को पदक बांटे जाएंगे। विश्वविद्यालय इसकी तैयारियों में जुट गया है। दीक्षान्त समारोह में कुलाधिपति एवं राज्यपाल कल्याण सिंह, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी सहि अन्य अतिथि शामिल होंगे। दीक्षान्त समारोह में शोधार्थियों को डिग्री और श्रेष्ठ विद्यार्थियों को पदक बांटे जाएंगे। छात्रों को परम्परानुसार सफेद कुर्ता-पायजामा और छात्राओं को लाल किनारे वाली सफेद साड़ी पहननी होगी।
शुरु हुई तैयारियां
दीक्षान्त समारोह की तैयारियां प्रारंभ हो गई हैं। विश्वविद्यालय ने वेबसाइट पर टॉपर्स की प्रोविजनल सूची जारी की है। विद्यार्थी इनका अवलोकन कर आपत्ति दे सकते हैं। इसके अलावा डिग्री और सर्टिफिकेट प्रिंटिंग कार्य जल्द होगा। स्वर्ण पदक बनाने के लिए टीम जल्द मुम्बई जाएगी। जुलाई के दूसरे पखवाड़े तक आवश्यक कामकाज पूरे किए जाएंगे। कुलपति प्रो. विजय श्रीमाली ने दीक्षान्त समारोह को अधिकारियों से चर्चा की है।
दीक्षान्त समारोह की तैयारियां प्रारंभ हो गई हैं। विश्वविद्यालय ने वेबसाइट पर टॉपर्स की प्रोविजनल सूची जारी की है। विद्यार्थी इनका अवलोकन कर आपत्ति दे सकते हैं। इसके अलावा डिग्री और सर्टिफिकेट प्रिंटिंग कार्य जल्द होगा। स्वर्ण पदक बनाने के लिए टीम जल्द मुम्बई जाएगी। जुलाई के दूसरे पखवाड़े तक आवश्यक कामकाज पूरे किए जाएंगे। कुलपति प्रो. विजय श्रीमाली ने दीक्षान्त समारोह को अधिकारियों से चर्चा की है।
अब तक हुए दीक्षान्त समारोह और अतिथि 1997-98-पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी
1998-99-नानाजी देशमुख 2001-02-जस्टिस लक्ष्मणनन
2004-पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील (तब राज्यपाल) एवं मुरली मनोहर जोशी 2009-पूर्व विदेश मंत्री कर्ण सिंह एवं राज्यपाल एस. के. सिंह
2015-राज्यपाल कल्याण सिंह
1998-99-नानाजी देशमुख 2001-02-जस्टिस लक्ष्मणनन
2004-पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील (तब राज्यपाल) एवं मुरली मनोहर जोशी 2009-पूर्व विदेश मंत्री कर्ण सिंह एवं राज्यपाल एस. के. सिंह
2015-राज्यपाल कल्याण सिंह
2016-राज्यपाल कल्याण सिंह
2017-राज्यपाल कल्याण सिंह एवं कैलाश सत्यार्थी याद है वाजपेयी का भाषण पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी पहले दीक्षान्त समारोह में अजमेर आए थे। उनका दीक्षान्त भाषण आज भी लोगों को याद है। तबके अधिकारियों ने बताया कि वाजपेयी ने अपने भाषण में भारत की प्राचीन परम्पराओं और गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को श्रेष्ठतम बताया था। उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज में काव्यात्मक ढंग से विद्यार्थियों और शोधार्थियों को दीक्षान्त का महत्व समझाया था।
2017-राज्यपाल कल्याण सिंह एवं कैलाश सत्यार्थी याद है वाजपेयी का भाषण पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी पहले दीक्षान्त समारोह में अजमेर आए थे। उनका दीक्षान्त भाषण आज भी लोगों को याद है। तबके अधिकारियों ने बताया कि वाजपेयी ने अपने भाषण में भारत की प्राचीन परम्पराओं और गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को श्रेष्ठतम बताया था। उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज में काव्यात्मक ढंग से विद्यार्थियों और शोधार्थियों को दीक्षान्त का महत्व समझाया था।
अब तक दुकान पर लगा है फोटो पूर्व पीएम वाजपेयी के लिए नया बाजार स्थित एक हलवाई की दुकान से खाना बनकर आया था। उन्होंने दाल, रोटी और सब्जी खाई थी। दुकानदार ने वाजपेयी को खाना परोसने का फोटो अब तक लगा रहा है। भले ही पहले समारोह को करीब 21 साल बीतने आए हों, लेकिन सबकी यादों में वाजपेयी का जोशीला अंदाज अब तक कैद है।