भागदौड़ भरी जिंदगी में युवाओं, बच्चों और नौकरी पेशे वाले दम्पती को फुर्सत नहीं मिलती। सुबह से शाम तक वे पढ़ाई, नौकरी अथवा अन्य कार्यों में व्यस्त रहते हैं। कई बार तो परिवार के साथ वक्त निकालने का अवसर भी नहीं मिलता।
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन ने लोगों को परिवार के साथ बैठने, बतियाने का भरपूर मौका दिया है। युवा पीढ़ी और बच्चे अपने बुजुर्गों, माता-पिता से वंशावाली को जान रहे हैं। परिवार में किस पीढ़ी में कौन सदस्य रहे इसकी जानकारी उत्सुकता से ले रहे हैं। यह परिवार में सोशल बॉन्डिंग बढ़ाने का कामकाज रहा है।
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व्यवसायी अशोक बिंदल ने पुत्र अर्जुन और पत्नी को बताई परिवार की वंशावली। उन्होंनें परिवार को अपने परदादा, दादा और उनके पुत्र-पुत्रियों के बारे में जानकारी दी। एसपीसी-जीसीए के प्राचार्य डॉ. एम.एल.अग्रवाल ने पत्नी, पुत्र, पौत्री और अन्य सदस्यों को अपनी पारिवारिक वंशावली को बारे में बताया। श्रमजीवी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनन्त भटनागर ने पत्नी और पुत्रों को परिवार की वंशावली की जानकारी देकर सबके नाम बताए।
इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उमाशंकर मोदानी ने पत्नी, बच्चों को कागज पर वृक्ष-शाखाओं का चित्र बनाकर बताई पूरे परिवार की वंशावली।
इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उमाशंकर मोदानी ने पत्नी, बच्चों को कागज पर वृक्ष-शाखाओं का चित्र बनाकर बताई पूरे परिवार की वंशावली।
जानें दादी-नानी के नुस्खे, कारगर हैं सेहत के लिए अजमेर. दादी-नानी के पुराने नुस्खे काफी कारगर रहे हैं। खासतौर पर स्वास्थ्य की दृष्टि से उनके बताए-सुझाए नुस्खों पर हाईटेक पीढ़ी भी यदा-कदा अमल कर रही है। लजीज पकवान, जायकेदार सब्जियां, आचार और पापड़-आलू के चिप्स-मंगोड़ी तक घरों में ही बनाई जाती थी। दादी और नानी अपनी कुशलता से इन्हें लजीज बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ती दी।
लॉकडाउन की स्थिति के चलते लोग घरों में परिवार के साथ है। लिहाजा इस दौरान खान-पान और घरेलू दवाओं के नुस्खों को समझा और सीखा जा सकता है।भारत में बरसों से संयुक्त परिवार पद्धति रही है। कई पीढिय़ों तक लोग एक घर में साथ-साथ रहते आए हैं।
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यह है दादी-नानी के पास नुस्खों का खजाना-जुखाम हो जाए तो काली मिर्च, तुलसी, लौंग, बड़ी इलायची मिश्री का काढ़ा
-खट्टी डकारें आएं तो गुनगुने पानी के साथ फांकें हींग, अजवाइन और नमक
-आंख पर लाल फुनसी (घुमारनी) हो जाए तो लगाएं लौंग को घिसकर
-पेट में दर्द हो तो नाभी पर लगाएं हींग का लेप
-शिशु जन्म के बाद महिलाओं को सवा महीने तक अजवाइन, सुपारी और अन्य सामग्री के लड्डू
-सर्दी में आटा-देशी काजू,बादाम डालकर बने लड्डू
-गर्मी में पेट की गर्मी शांत करने के लिए जौ-चने को पीसकर और शक्कर मिलाकर फांकें