शेख हसीना के निजाम गेट पहुंचते ही दोनों उन्हें बुके प्रदान करेंगे। साथ ही ‘वेलकम टू दरगाह शरीफ ऑनरेबल प्राइम मिनिस्टर ऑफ बांग्लादेश’ बोलकर उनका स्वागत करेंगे। यह पहला अवसर होगा जब किसी विदेशी प्रधानमंत्री का दरगाह के बाहर बच्चे स्वागत करेंगे। वे ऊर्दू भाषा में भी बोलकर स्वागत करेंगे।
शेख मुजीब भी आ चुके हैं दरगाह खादिम सैयद कलीमुद्दीन चिश्ती ने बताया कि शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री शेख मुजीबुर्रहमान 1966 में गरीब नवाज की दरगाह जियारत के लिए आए थे। तब मेरे पिता सैयद वलीउद्दीन चिश्ती ने उन्हें जियारत कराई थी। इसके बाद शेख हसीना को 1996, 2010 और 2017 में बतौर पीएम मैंने जियारत कराई है। गुरुवार को वे चौथी बार उन्हें जियारत कराएंगे।
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना की अजमेर यात्रा
अजमेर. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना गुरुवार को सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह जियारत कर मखमली चादर और गुलाब के फूल पेश करेंगी। उनकी दरगाह जियारत के दौरान पारंपरिक रूप से सपासनामा पढ़ा जाएगा। दरगाह का प्रतीक चिन्ह भेंट किया जाएगा। उनकी यात्रा के दौरान कड़े सुरक्षा बंदोबस्त रहेंगे।
अजमेर. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना गुरुवार को सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह जियारत कर मखमली चादर और गुलाब के फूल पेश करेंगी। उनकी दरगाह जियारत के दौरान पारंपरिक रूप से सपासनामा पढ़ा जाएगा। दरगाह का प्रतीक चिन्ह भेंट किया जाएगा। उनकी यात्रा के दौरान कड़े सुरक्षा बंदोबस्त रहेंगे।
घरों-दुकानों-मकानों की छतों-बॉलकानी पर लोगों के खड़े रहने पर पाबंदी रहेगी। हथियारबंद जवान निगरानी रखेंगे। शेख हसीना दरगाह परिसर में जियारत के दौरान कुछ नहीं खाएंगी। इसके लिए बांग्लादेश की पीएम की सुरक्षा में तैनात कमांडो-टीम ने विशेष हिदायत दी है।