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अजमेर

कॉलेज के बदलेंगे नाम, बनेंगे यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनिय रिंग

संघटक कॉलेज बनाने को लेकर तकनीकी शिक्षा विभाग, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की उच्च स्तरीय बैठक भी होने वाली है।

अजमेरAug 04, 2022 / 11:11 am

raktim tiwari

कालेज के बदलेंगे नाम,  बनेंगे यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनिय​रिंग

कालेज के बदलेंगे नाम, बनेंगे यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनिय​रिंग

रक्तिम तिवारी. राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम शीघ्र बदल जाएंगे। बीटीयू-आरटीयू सहित अन्य यूनिवर्सिटी के अधीनस्थ कॉलेज ‘यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग’ के नाम से जाने जाएंगे। इन्हें संघटक कॉलेज बनाने को लेकर तकनीकी शिक्षा विभाग, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की उच्च स्तरीय बैठक भी होने वाली है।

राज्य में पिछले 25 साल में अजमेर, झालावाड़, कोटा, बीकानेर, दौसा, बांसवाड़ा, धौलपुर, करौली, बारां, बाड़मेर, भरतपुर सहित अन्य जगह कॉलेज खोले गए। यह कॉलेज स्वायत्तशासी सोसायटी के अधीन रहे। वित्तीय कुप्रबंधन और सरकार से सीमित अनुदान के चलते कॉलेजों की हालात खराब होती रही। स्टाफ को वेतन-भत्ते देने भी मुश्किल हो गए।

सीएम अशोक गहलोत ने साल 2021 के बजट में अजमेर के बड़ल्या इंजीनियरिंग और महिला इंजीनियरिंग कॉलेज माखुपुरा को बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय का संघटक कॉलेज बनाने की घोषणा की। इसके अलावा अन्य कॉलेज को भी आरटीयू और अन्य विश्वविद्यालयों से जोड़ा गया।

बदलेंगे कॉलेजों के नाम

विश्वविद्यालयों के संघटक कॉलेज बनने के बाद इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम बदलेंगे। इन्हें यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग का नाम मिलेगा। इसके लिए संबंधित यूनिवर्सिटी को दस्तावेजों की जांच पूरी कर संघटक कॉलेज की अधिसूचना जारी करनी होगी।

शुरू होगी दस्तावेजों की जांच

अजमेर के बड़ल्या और महिला इंजीनियरिंग, बीकानेर समेत अन्य कॉलेज संबंधित विवि के संघटक कॉलेज बनेंगे। बीकानेर टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने तो 5 से 10 अगस्त तक अजमेर के दोनों कॉलेज के प्राचार्यों को शिक्षकों- अधीनस्थ कर्मचारियों से जुड़े दस्तावेजों के साथ बुलाया है। स्क्रीनिंग कमेेटी इनकी जांच करेगी। इनमें बगैर कोर्ट केस और कोर्ट केस से जुड़ी पत्रावलियों पर अलग-अलग चर्चा की जाएगी। ज्यादातर कॉलेज में 60 प्रतिशत शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारी प्लान योजना (सेल्फ फाइनेंस स्कीम) में कार्यरत हैं।

बिना मंजूरी राजकीय शब्द का इस्तेमाल

राज्य में अजमेर सहित कई इंजीनियरिंग कॉलेज नाम के आगे राजकीय शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं। राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका के बाद साल 2019 में तकनीकी शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम से राजकीय शब्द हटाने के आदेश जारी किए थे। इसके बावजूद कई कॉलेज नहीं मान रहे हैं।

फैक्ट फाइल

इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में सीट-55 हजार से ज्यादा

कॉलेज की आय-एसएफएस और सरकारी सीट की फीस

सरकार से अनुदान (50 लाख से 1 करोड़ तक ही)

बी.टेक कोर्स फीस (चार साल)-2 लाख रुपए

एम.टेक कोर्स फीस (दो साल)-71 हजार रुपए

एमसीए कोर्स की फीस (दो साल)-62 हजार रुपए

एमबीए (दो साल)-77 हजार रुपए

सीएम की घोषणानुसार इंजीनियरिंग कॉलेज बीटीयू-आरटीयू और अन्य विवि के अधीन होने वाले हैं। इनका नाम यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग होगा। अधिसूचना संबंधित विश्वविद्यालय जारी करेंगे।

डॉ. सुभाष गर्ग, तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री

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