शहर की लाइफ लाइन स्टेशन रोड व कचहरी रोड पर यातायात जाम से निजात मिलने की राह खुल गई है। स्मार्ट सिटी प्राजेक्ट के तहत शहर में एलिवेटेड रोड बनाने की ओर एक कदम और आगे बढ़ गया है।
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय परिसर स्थित राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम (आरएसआरडीसी) कार्यालय में वित्तीय निविदा खोल दी गई है। एक फर्म की निविदा निरस्त हो जाने के बाद शेष रही फर्म (कंसेशनर) सिम्फोनिया एंड ग्राफिक्स इंटर आर्क बिल्डिंग (प्रा.) लि. जयपुर के नाम निविदा खोली गई है। निविदा लागत मूल्य 243 करोड़ रुपए से कम 220 करोड़ रुपए की खोली गई है। अर्थात सरकार को एलिवेटेड रोड की लागत 23 करोड़ रुपए कम आएगी।
निविदा खोल कर जयपुर मुख्यालय भेजी वित्तीय निविदा खोली जाने के बाद इसे विशेष वाहक के जरिए जयपुर स्थित आरएसआरडीसी मुख्यालय भिजवा दी गई है। यहां बोर्ड में इसे औपचारिक मंजूरी के लिए रखा जाएगा। बोर्ड के अध्यक्ष सार्वजनिक निर्वाण विभाग व परिवहन मंत्री यूनुस खान हैं। इनके साथ तकनीकी व प्रशासनिक अधिकारियों की उच्च स्तरीय कमेटी एलिवेटेड कार्य को अंतिम मंजूरी देगी। इसके बाद संबंधित फर्म को डिजाइन देना होगा। डिजाइन की मंजूरी आरएसआरडीसी से मिलने के बाद कार्यादेश जारी कर दिया जाएगा। हालाकि यातायात जाम की समस्या से निजात पाने के लिए अभी शहरवासियों को दो से ढाई वर्ष का इंतजार करना होगा।
कार्यादेश मिलने के 24 माह में काम पूरा होगा कंसेशनर या संबंधित ठेकेदार फर्म को दो वर्ष में यानी 2020 जून तक एलिवेटेड रोड का काम पूरा करना होगा। डीपीआर जून 2018 में तैयार होकर मंजूरी लेनी होगी। मौजूदा सड़क मार्ग यथावत चलता रहेगा केवल डिवाइडर वाले स्थान पर एलिवेटेड रोड के पिलर करीब पांच गुना पांच फीट जगह घेरेंगे।
डबल लेन होगा एलिवेटेड रोड
1- मार्टिंडल ब्रिज से टू-वे एलिवेटेड रोड शुरू होगा जो गांधी भवन चौराहा, पीआर मार्ग, आगरा गेट होते हुए फव्वारा सर्किल के पास उतरेगा। डबल लेन की चौड़ाई 15 मीटर यानि 48 फीट होगी।
1- मार्टिंडल ब्रिज से टू-वे एलिवेटेड रोड शुरू होगा जो गांधी भवन चौराहा, पीआर मार्ग, आगरा गेट होते हुए फव्वारा सर्किल के पास उतरेगा। डबल लेन की चौड़ाई 15 मीटर यानि 48 फीट होगी।
2- गांधी भवन चौराहे से सिंगल लेन एलिवेटेड रोड पुराने लोक सेवा आयोग भवन तिराहे के पास उतरेगी। कचहरी रोड पर चौड़ाई कम होने से सिंगल लेन एलिवेटड रोड बनेगी। सिंगल लेन 7.5 मीटर यानी 24 फीट चौड़ी बनेगी। ईपीसी मोड के तहत कंसेशनर या ठेकेदार को सभी कार्य स्वयं करने होंगे। सड़क पर डिजाइनिंग, लाइट्स दिशा ***** बोर्ड आदि लगाने होंगे।