घर और खेत दोनो में परेशानी गर्मी के कारण घरेलू बिजली की मांग में बढ़ोतरी हो रही। घरों में लगातार कूलर व एसी चलने से लोगों का बिल भी अधिक यूनिट व अधिक राशि का आ रहा है। वहीं बारिश नहीं होने से कृषि क्षेत्र में भी बिजली की मांग बढ़ रही है। जबकि बरसात होने से कृषि क्षेत्र में ही बिजली की मांग में सर्वाधिक गिरावट आती है।
इन जिलो में इतनी बढ़ी बिजली की मांग निगम के तहत आने वाले सीकर जिले में में गत वर्ष की तुलना में 18.13 प्रतिशत बिजली की मांग बढ़ी है। जबकि उदयपुर में 14 .84 प्रतिशत, राजसमंद में 11.55 प्रतिशत, झुंझुनू में 10.30 प्रतिशत, अजमेर जिला वृत में 9.90 अजमेर शहर में 9.40 प्रतिशत, डूंगरपुर में 7.93 प्रतिशत, भीलवाड़ा में 4.86 प्रतिशत, बांसवाड़ा में 4.03 प्रतिशत और प्रतापगढ़ में 4 .6161 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
नागौर में सर्वाधिक खपत नागौर जिले में बढ़ी है। जहां एक तरफ नागौर में ही निगम की सर्वाधिक बिजली छीजत है तो वहीं नागौर में लगातार विद्युत की खपत भी बढ़ रही है। यदि इसी के अनुपात में एनर्जी सेल नहीं बढ़ती है तो निगम की कठिनाइयां भविष्य में बढ़ा सकता है। नागौर में बिजली की मांग वर्ष 2020 में1595.05 लाख यूनिट भी जो इस वर्ष जुलाई में बढ़कर 1943.58 लाख यूनिट पहुंच गई। अकेल नागौर जिले में बिजली की मांग में 21.85 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अजमेर विद्युत वितरण निगम के तहत नागौर, सीकर तथा झुंझुनू कृषि प्रधान जिले है। नागौर में किसानों के पास बड़े कृषि कनेक्शन है।
औद्योगिक श्रेणी औद्योगिक क्षेत्र की बात करें तो जहां जून 2020 जून मे वृहद उद्योगों (एलआईपी) की श्रेणी में बिजली की मांग 42-43 करोड़ यूनिट थी वहीं जून 2021 में यह 40 करोड़ यूनिट पर आ गई। जुलाई में औद्योगिक श्रेणी में बिजली की मांग में बढोतरी हुई है ।
पौधारोपण अभियान पर भी असर बारिश नहीं होने से जहां बिजली की मांग बढ़ रही है इससे विद्युत निगम व उपभोक्ताओं दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीं जिला परिषद के काम भी इससे प्रभावित है। बरसात नहीं होने से अजमेर जिले में ही पौधारोपण का काम रूका हुआ है। जिले में पौधारोपण अभियान के तहत साढ़े चार लाख पौधे लगाए जाने है।