पिछले साल कम बरसात (low rainfall) के चलते बीसलपुर बांध (bisalpur dam) खाली रह गया था। इसके चलते विभाग ने बीते वर्ष सितंबर-अक्टूबर से ही 72 घंटे के अंतराल में पेयजल आपूर्ति (water supply) शुरू कर दी थी। बांध में बीती 25 जुलाई तक महज 304.40 आरएल मीटर बचा था। बांध से प्रतिदिन अजमेर (ajmer) को 260, जयपुर (jaipur) को 400 और टोंक (tonk) को 20 एमएलडी पानी की सप्लाई की जा रही थी। अब बांध का गेज (water guage) 315.50 आरएल पार कर गया है। लेकिन शहर को 48 घंटे में जलापूर्ति को लेकर सरकार (govt of rajasthan) और जलदाय विभाग ने कोई निर्णय नहीं लिया है।
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जयपुर में अतिरिक्त मुख्य सचिव सहित जलदाय विभाग (phed) के अधिकारियों की सिर्फ बैठक के दौर चले। इसमें 48 घंटे में जलापूर्ति की सिद्धांतत: सहमति बन गई। अजमेर से गए अधिकारियों ने जलापूर्ति योजना का प्रजेन्टेशन (presentaion)दिया। इनमें अतिरिक्त मुख्य अभियंता (additional chief engineer) पी.एल. वर्मा और अन्य अधिकारी शामिल थे।
जयपुर में अतिरिक्त मुख्य सचिव सहित जलदाय विभाग (phed) के अधिकारियों की सिर्फ बैठक के दौर चले। इसमें 48 घंटे में जलापूर्ति की सिद्धांतत: सहमति बन गई। अजमेर से गए अधिकारियों ने जलापूर्ति योजना का प्रजेन्टेशन (presentaion)दिया। इनमें अतिरिक्त मुख्य अभियंता (additional chief engineer) पी.एल. वर्मा और अन्य अधिकारी शामिल थे।
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मौजूदा वक्त अजमेर जिले (ajmer district) के शहरी (uraban area) और ग्रामीण क्षेत्रों (rural area) में तीन से चार दिन में जलापूर्ति हो रही है। बीसलपुर बांध (water in bisalpur dam) में 315.50 आरएल मीटर से ज्यादा पानी आ चुका है। इस लिहाज से जिले को करीब दो-तीन साल तक पेयजल संकट (water problem) का सामना नहीं करना पड़ेगा। 48 घंटे में जलापूर्ति के आदेश जारी होते ही लोगों को दस महीने बाद पेयजल कटौती (water crisis)से छुटकारा मिलेगा।
मौजूदा वक्त अजमेर जिले (ajmer district) के शहरी (uraban area) और ग्रामीण क्षेत्रों (rural area) में तीन से चार दिन में जलापूर्ति हो रही है। बीसलपुर बांध (water in bisalpur dam) में 315.50 आरएल मीटर से ज्यादा पानी आ चुका है। इस लिहाज से जिले को करीब दो-तीन साल तक पेयजल संकट (water problem) का सामना नहीं करना पड़ेगा। 48 घंटे में जलापूर्ति के आदेश जारी होते ही लोगों को दस महीने बाद पेयजल कटौती (water crisis)से छुटकारा मिलेगा।