पिछली भाजपा सरकार ने कॉलेज शिक्षा निदेशालय को सत्र 2018-19 में सभी कॉलेज में ड्रेस कोड लागू करने को कहा था। इसके तहत छात्र-छात्राओं के लिए ड्रेस निर्धारण का काम कॉलेज को दिया गया। अजमेर में भी सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय, राजकीय कन्या महाविद्यालय और अन्य कॉलेज में ड्रेसकोड लागू होना था। प्राचार्यों को कमेटियों से ड्रेस का रंग निर्धारित कर रिपोर्ट लेनी थी।
युवाओं की नाराजगी का डर ड्रेस कोड का प्रस्ताव आते ही प्रदेश भर में विद्यार्थियों ने विरोध जताया था। पिछली सरकार भी विधानसभा चुनाव में युवाओं की नाराजगी के चलते कोई फैसला नहीं ले पाई। उच्च शिक्षा विभाग ने भी कोई कदम नहीं बढ़ाए। दिसंबर में प्रदेश में सियासी बदलाव के तहत कांग्रेस सरकार बन गई। इधर सत्र 2019-20 की शुरुआत 1 जुलाई से होगी। अगस्त में छात्रसंघ चुनाव होंगे। ऐसे में ड्रेसकोड प्रस्ताव पर चर्चा हुई तो युवाओं की नाराजगी बढ़ सकती है।
सावित्री कॉलेज में लागू हुई थी ड्रेस
90 के दशक में शहर के नामचीन सावित्री कॉलेज में ड्रेस कोड लागू किया गया था। छात्राओं के लिए गुलाबी सलवार-सूट, चुन्नी और सर्दियों में काला स्वेटर निर्धारित किया गया। ड्रेस कोड की आलोचना होने और छात्राओं के खिलाफ अनर्गल टिप्पणियों के बाद कॉलेज ने इसे एक साल बाद ही समाप्त कर दिया था।
90 के दशक में शहर के नामचीन सावित्री कॉलेज में ड्रेस कोड लागू किया गया था। छात्राओं के लिए गुलाबी सलवार-सूट, चुन्नी और सर्दियों में काला स्वेटर निर्धारित किया गया। ड्रेस कोड की आलोचना होने और छात्राओं के खिलाफ अनर्गल टिप्पणियों के बाद कॉलेज ने इसे एक साल बाद ही समाप्त कर दिया था।
कई कॉलेज में लागू राज्य के राजकीय महाविद्यालय शाहपुरा और उदयपुर के मीरा कन्या महाविद्यालय में कई बरसों से ड्रेस कोड लागू है। यहां छात्र-छात्राओं को निर्धारित ड्रेस पहननी पड़ती है। इनके अलावा अजमेर में भी सरकारी और निजी बॉयज और गल्र्स इंजीनियरिंग कॉलेज, विभिन्न प्रबंधन संस्थानों में ड्रेस कोड लागू है।