‘चिकित्सक हूं मेरा धर्म है हौसला देना Ó
डॉ वर्मा से मृत्यु पूर्व ही कवरेज के दौरान पत्रिका संवाददाता ने बिना सुरक्षा मरीजों से नजदीक से बात करने पर चेताया ओैर पी पी ई किट पहनने को कहा तो डॉ वर्मा ने कहा कि में चिकित्सक हूं, कोरोना संक्रमित रिपोर्ट आते ही बुरी तरह घबरा जाता है। ऐसे में दिलासा देने से अगर वह ठीक हो जाता है तो ही मेरा कर्तव्य पूरा होता है। इसी कर्तव्य को पूरा करते करते वे दुनिया को अलविदा कह गए।
डॉ वर्मा से मृत्यु पूर्व ही कवरेज के दौरान पत्रिका संवाददाता ने बिना सुरक्षा मरीजों से नजदीक से बात करने पर चेताया ओैर पी पी ई किट पहनने को कहा तो डॉ वर्मा ने कहा कि में चिकित्सक हूं, कोरोना संक्रमित रिपोर्ट आते ही बुरी तरह घबरा जाता है। ऐसे में दिलासा देने से अगर वह ठीक हो जाता है तो ही मेरा कर्तव्य पूरा होता है। इसी कर्तव्य को पूरा करते करते वे दुनिया को अलविदा कह गए।
उन्होंने अपना धर्म निभाया ..
कोरोना काल मे डॉ वर्मा ने बिना किसी डर 18 ,18 घंटे नियमित कार्य किया। लंच – ब्रेक फ़ास्ट नहीं किया। उनसेसभी ने समर्पण सीखा। कहते कहते उनकी अधीनस्थ चिकित्साकर्मी अंजना की आंखे भर आयीं। डॉ. वर्मा ने सेवा का अर्थ समझाया
कोरोना काल मे डॉ वर्मा ने बिना किसी डर 18 ,18 घंटे नियमित कार्य किया। लंच – ब्रेक फ़ास्ट नहीं किया। उनसेसभी ने समर्पण सीखा। कहते कहते उनकी अधीनस्थ चिकित्साकर्मी अंजना की आंखे भर आयीं। डॉ. वर्मा ने सेवा का अर्थ समझाया
उनके इलाज से सही हुए दुर्गा ने बताया कि वे मरीज को आधा तो बातों से ही सही कर देते थे और आधा नाम मात्र की दवाओं से। जब भी सेवा की बात चलेगी डॉ वर्मा की बात पहले चलेगी
हर बार जीत का निशान
हर बार जीत का निशान
डॉ वर्मा अपने हर मरीज को सही होने पर विक्ट्री साइन दिखा कर विदा करते थे और यह उनकी पहचान बन गया था । लेकिन लोगों को जिताते जिताते वो जीवट खुद हार गया। सरल स्वभाव और अभुतपुर्व प्रतिभा के धनी, हमारे पूर्व ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कोरोना के विरुद्ध युद्ध मे जाना, राजाखेडा क्षेत्र के लिए ही नही बल्कि समूर्ण चिकित्सजगत के लिए बहुत बड़ी क्षति है।
डॉ शिवसिंह मीणा राजाखेड़ा चिकित्सा प्रभारी, राजाखेड़ा
डॉ शिवसिंह मीणा राजाखेड़ा चिकित्सा प्रभारी, राजाखेड़ा