राष्ट्रीय सलाहकार अजीत डोभाल ने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में कई बार नाकामियां से सामना होता है, लेकिन दृढ़ इच्छा शक्ति से कामयाबी मिलती है। पढ़ाई के दौरान वे खुद औसत छात्र थे। लेकिन लगन, कठिन मेहनत और दृढ़ इरादों से जीवन में कई मुश्किल ऑपरेशन अंजाम दिए। जो जीवन में अनुशासित और मजबूत इरादा रखते हैं उन्हें सफलता अवश्य मिलती है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने एनडीए में प्रवेश, सेना में नौकरी के अवसर सहित अध्ययन-अध्यापन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। स्कूल प्राचार्य लेफ्टिनेंट कर्नल अनंत थापन ने स्वागत किया।
समारोह के दौरान बारहवीं विज्ञान के छात्र सांध्यदीप त्रिपाठी ने ‘हर घर में पैदा हो अजीत डोभाल कविता सुनाई। इस दौरान डोभाल के पाकिस्तान और अन्य देशों में अंजाम दिए ऑपरेशन, एयर स्ट्राइक, नॉर्थ ईस्ट और जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ अभियान पर आधारित माइम (लघु नाटिका) पेश की गई।
सीडीसी रावत और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल ने स्कूल में नवनिर्मित मैस का उद्घाटन किया। उनके आगमन से प्रस्थान तक स्कूल सेना मुख्यालय की टीम की निगरानी में रहा। जिला कलक्टर, एसपी सहित किसी को भी प्रवेश नहीं दिया गया। डोभाल ने अजमेर में रहने वाले अपने मित्र और जनरल रावत ने अपने सीनियर ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा) एस.एन.हांडा से मुलाकात की। मालूम हो कि डोभाल राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल के छात्र रह चुके हैं।
जनरल रावत और डोभाल ने ब्यावर में सेना के गोपनीय रक्षात्मक स्थान का दौरा किया। इस स्थान की जानकारी सिर्फ रावत, डोभाल और आर्मी चीफ को है। इसको लेकर जिला प्रशासन सहित पुलिस और इंटेलीजेंस को भी जानकारी नहीं दी जाती है।