श्रेणीवार यह स्थिति
अजमेर डिस्कॉम में घरेलू उपभोक्ताओं पर कुल 6 अरब 30 करोड़ 31 लाख रुपए, अघरेलू श्रेणी में 1 अरब 16 करोड़ 85 लाख 50 हजार व रोड लाइट के पेटे नगर निकायों पर 72 करोड़ 16 लाख रूपए का बकाया हैं। कृषि उपभोक्ताओं पर 1 अरब 82 करोड़ 79 लाख रुपए रूपए, एसआईपी श्रेणी 77 करोड़ 96 लाख 52000 रुपए , मध्यम श्रेणी के उद्योगों पर 60 करोड़ 63 लाख ,तो वही बड़े श्रेणी के उद्योगों पर 17 करोड़ 44 लाख 45 हजार रुपए बकाया चल रहे हैं
अजमेर डिस्कॉम में घरेलू उपभोक्ताओं पर कुल 6 अरब 30 करोड़ 31 लाख रुपए, अघरेलू श्रेणी में 1 अरब 16 करोड़ 85 लाख 50 हजार व रोड लाइट के पेटे नगर निकायों पर 72 करोड़ 16 लाख रूपए का बकाया हैं। कृषि उपभोक्ताओं पर 1 अरब 82 करोड़ 79 लाख रुपए रूपए, एसआईपी श्रेणी 77 करोड़ 96 लाख 52000 रुपए , मध्यम श्रेणी के उद्योगों पर 60 करोड़ 63 लाख ,तो वही बड़े श्रेणी के उद्योगों पर 17 करोड़ 44 लाख 45 हजार रुपए बकाया चल रहे हैं
नागौर में सर्वाधिक लेनदारी
बकाया बिल नहीं चुकाने के मामले में डिस्कॉम का नागौर जिला सब पर भारी पड़ रहा है। नागौर में सर्वाधिक 3 अरब 56 करोड़ 92 रूपए रुपए बकाया हैं। जिसमें 242 करोड़ 32 लाख रुपए रेगुलर और 113 करोड़ 59 लाख रुपए पीडीसी उपभोक्ताओं पर बाकी हैं। घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं पर 136 करोड 48 लाख रुपए और कृषि उपभोक्ता पर 82 करोड़ 22 लाख रुपए का बकाया है। यहां हाल ही 28 लेखाधिकारियों का वेतन भी बकाया वसूली नहीं करने के कारण रोका गया था।
बकाया बिल नहीं चुकाने के मामले में डिस्कॉम का नागौर जिला सब पर भारी पड़ रहा है। नागौर में सर्वाधिक 3 अरब 56 करोड़ 92 रूपए रुपए बकाया हैं। जिसमें 242 करोड़ 32 लाख रुपए रेगुलर और 113 करोड़ 59 लाख रुपए पीडीसी उपभोक्ताओं पर बाकी हैं। घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं पर 136 करोड 48 लाख रुपए और कृषि उपभोक्ता पर 82 करोड़ 22 लाख रुपए का बकाया है। यहां हाल ही 28 लेखाधिकारियों का वेतन भी बकाया वसूली नहीं करने के कारण रोका गया था।
उदयपुर उदयपुर में 127 करोड़ 11 लाख रुपए बकाया चल रहे हैं। 87 करोड़ 17 लाख 55 हजार रुपए रेगुलर, 39 करोड़ 93 लाख रुपए पीडीसी, 87 करोड़ 90 लाख घरेलू, 20 करोड़ 16 लाख अघरेलू व 8.30 करोड़ रुपये कृषि उपभोक्ताओं पर बकाया हैं।
सीकर
सीकर में 102 करोड रुपए की राशि बिल के रूप में बकाया है। 78 करोड़ 76 लाख रुपए रेगुलर, 23 करोड़ 24 लाख रुपए पीडीसी, 40 करोड़ 53 लाख घरेलू, 14 करोड़ 50 लाख नगर निकायों व 12 करोड़ 50 लाख रुपए अघरेलू उपभोक्ताओं पर बकाया हैं।
सीकर में 102 करोड रुपए की राशि बिल के रूप में बकाया है। 78 करोड़ 76 लाख रुपए रेगुलर, 23 करोड़ 24 लाख रुपए पीडीसी, 40 करोड़ 53 लाख घरेलू, 14 करोड़ 50 लाख नगर निकायों व 12 करोड़ 50 लाख रुपए अघरेलू उपभोक्ताओं पर बकाया हैं।
बांसवाड़ा
बांसवाड़ा में 107 करोड़ 84 लाख रुपए की लेनदारी है। जिसमें 75 करोड़ 78 लाख रुपए रेगुलर, 32 करोड़ 5 लाख पीडीसी, 84.90 करोड़ रुपये घरेलू,10.15 करोड़ कृषि तथा 4.30 करोड रुपए अघरेलू उपभोक्ताओं पर बाकी हैं।
बांसवाड़ा में 107 करोड़ 84 लाख रुपए की लेनदारी है। जिसमें 75 करोड़ 78 लाख रुपए रेगुलर, 32 करोड़ 5 लाख पीडीसी, 84.90 करोड़ रुपये घरेलू,10.15 करोड़ कृषि तथा 4.30 करोड रुपए अघरेलू उपभोक्ताओं पर बाकी हैं।
झुंझुनूं झंझुनूं में कुल बकाया 116 करोड़ 28 लाख रुपए है जिसमें से 75 करोड़ 53 लाख रुपए रेगुलर, 40.75 करोड़ पीडीसी, 45.32 करोड़ घरेलू, 11.90 करोड़ अघरेलू, 10.62 करोड़ कृषि श्रेणी फ्लैट रेट व9.82 करोड़ कृषि मीटर श्रेणी में बकाया हैं।
प्रतापगढ़ प्रतापगढ़ में 67 करोड़ 44 लाख रुपए में से 41 करोड़ 20 लाख रुपए रेगुलर उपभोक्ताओं और 22 करोड़ 24 लाख रुपए पीडीसी उपभोक्ताओं पर बकाया हैं। भीलवाड़ा भीलवाड़ा में उपभोक्ताओं पर 55 करोड 60 लाख रुपए बकाया हैं जिसमें लगभग 33 करोड़ 22 लाख रुपए रेगुलर उपभोक्ताओं और 18 करोड़ 38 लाख रुपए पीडीसी उपभोक्ताओं पर बकाया ।
अजमेर सिटी
अजमेर सिटी सर्किल में 33 करोड़ 28 लाख 90 हजार रुपए बकाया हैं जिसमें से 27 करोड़ 12 लाख 42 हजार रुपए रेगुलर तथा 8 करोड़ 16 लाख रुपए पीडीसी के बकाया चल रहे हैं। घरेलू उपभोक्ताओं पर 11 करोड़ 15 लाख 93 हजार , अघरेलू पर 3 करोड़ तथा औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं पर लगभग 25 करोड़ रुपए की बाकी हैं।
अजमेर सिटी सर्किल में 33 करोड़ 28 लाख 90 हजार रुपए बकाया हैं जिसमें से 27 करोड़ 12 लाख 42 हजार रुपए रेगुलर तथा 8 करोड़ 16 लाख रुपए पीडीसी के बकाया चल रहे हैं। घरेलू उपभोक्ताओं पर 11 करोड़ 15 लाख 93 हजार , अघरेलू पर 3 करोड़ तथा औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं पर लगभग 25 करोड़ रुपए की बाकी हैं।
अजमेर जिला अजमेर जिला सर्किल में 42 करोड़ 91 लाख 97 हजार रुपए बकाया चल रहे हैं। घरेलू पर 16 करोड़ 68 लाख 81 हजार रुपए तथा अघरेलू उपभोक्ताओं पर 4 करोड़ 56 लाख, कृषि श्रेणी में 1 करोड़ 16 लाख तथा औद्योगिक श्रेणी में करीब 15 करोड़ वसूले जाने हैं।