दिन में कई बार बदल रही तस्वीर आनासागर झील में जलकुंभी की मौजूदगी पिछले कुछ दिनों से अजीबो-गरीब तरीके से बदल रही है। झील में जिस जगह साफ हिस्सा और पानी नजर आता है देखते ही देखते वहां कुछ ही घंटों में जलकुंभी की चादर बिछी नजर आने लगती है।
लाखों की मशीनरी हो रही नाकामझील को साफ करने में लगाई गई लाखों रुपये लागत की डिवीडिंग मशीन सहित अन्य मशीनरी फेल हो रही है। श्रमिक लगाने के बावजूद राहत नहीं मिली। पानी में जाल डालकर जलकुंभी को समेटना भी सिरे नहीं चढ़ा। अब बास्केट युक्त जेसीबी से जलकुंभी को निकाले जाने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रशासन नहीं गंभीरराजस्व मंडल के पूर्व सदस्य गोकुल प्रसाद शर्मा ने कहा कि आनासागर झील अजमेर का आधारकार्ड है। इसकी सुंदरता बनाए रखने के लिए जिला व निगम प्रशासन को गंभीर प्रयास करने होंगे।
पर्यावरणविद मनोज यादव ने इसके लिए और अधिक प्रयास करने की जरूरत बताई। —————————————————– राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायरअजमेर.आनासागर झील की दयनीय स्थिति को लेकर एडवोकेट सुनील कुमार सिंह ने उच्च न्यायालय जयपुर में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में बताया कि आनासागर में जलकुंभी झील के पानी को खराब कर रही है और प्रशासन सुध नहीं ले रहा है। झील में मछलियां ऑक्सीजन की कमी के कारण मर रही हैं और जल स्तर बहुत नीचे जा रहा है।
याचिका में मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव यूडीएच को भी पक्षकार बनाया गया हैं। ————————————————- आंकड़ों की जुबानीकरीब 10 किमी – झील की परिधि 20 से 25 डंपर – रोजाना जलकुंभी निकालने का दावा1 – डिवीडिंग मशीन
1- पोकलेन मशीन10 -ट्रॉलियां 2- छोटी जेसीबी