कलेक्टर उत्सव कौशल द्वारा देवमाली में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस गांव पर केंद्रित रूरल टूरिज्म की एक डॉक्युमेंट्री लॉन्च की गई थी। उस वक्त रहे उपखंड अधिकारी भरतराज गुर्जर के निर्देशन में बनाई गई डॉक्युमेंट्री में गांव की वास्तविक जन जीवन को प्रदर्शित किया गया था। एसडीएम भरतराज गुर्जर ने बताया कि दिसंबर 2023 में ये डॉक्युमेंट्री बनकर तैयार हुई फिर जनवरी 2024 में मंत्रालय को भेजी गई थी। इसी के आधार पर देवमाली का सिलेक्शन बेस्ट टूरिस्ट विलेज के रूप में हुआ है। अब केंद्र सरकारी इसी साल 27 नवंबर को दिल्ली में अवॉर्ड देकर इसे सम्मानित करेगी।
ये है देवमाली गांव की खासियत
ब्यावर में स्थित देवमाली गांव में एक भी पक्के मकान नहीं है। गांव में पहाड़ी पर देवनारायण भगवान का मंदिर है। मान्यता ये है कि सदियों पहले जब देवनारायण भगवान यहां आएं तो उन्होंने कुछ दिन रहने के लिए ठिकाना मांगा। गुर्जर समाज के लोगों ने कहा कि कच्चे घर में हम रहेंगे, आप पक्के में रहिए। उस वक्त दिए वचन को आज तक ग्रामिण निभाते आ रहे हैं। इस वजह से यहां एक भी पक्के मकान नहीं है। हालांकि, घर-घर में सुख-सुविधाओं की कमी नहीं है। ये लोग पीली मिट्टी व पत्थर आदि परंपरागत चीजों से ही घर बनाते हैं और छत के लिए केलू का उपयोग करते आ रहे हैं।
इस गांव में कोई मांस-मछली नहीं खाता, न ही शराब पीता है। यहां नीम की लकड़ी जलाना और केरोसिन के उपयोग पर पाबंदी है। इस गांव में भगवान देवनारायण का प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों लोग दर्शन करने आते हैं।
ये गांव मसूदा उपखंड में अरावली की पहाड़ियों के बीच में बसा है जिस वजह से देखने में बेहद सुंदर लगता है। ये गांव करीब 3 हजार बीघा क्षेत्र में बसा है… यह जमीन भगवान देवनारायण के नाम है। यहीं वजह है कि यहां लोगों के नाम के पट्टे तक नहीं है।