अजमेर

बिटिया @ work: बेटियों ने संभाला मम्मी-पापा के ऑफिस में कामकाज

(ajmer)अंतरराष्ट्रीय, डॉटर्स डे (Daughters day)22 सितंबर को मनाया जाएगा। इसके अंतर्गत बेटियों मैं अपनी माताओं व पिताओ के कार्यस्थल पहुंच कर उनके कामकाज(working) की जानकारी ली। उन्होंने जाना कि वह किस तरह अपना प्रतिदिन का कार्य संपादित करते हैं।और उसमें कितनी मेहनत और लगन की जरूरत होती है बेटियों ने पत्रिका के साथ साझा किए अपने अनुभव।

अजमेरSep 17, 2019 / 08:36 pm

Jai Makhija

अंतरराष्ट्रीय, डॉटर्स डे 22 सितंबर को मनाया जाएगा। इसके अंतर्गत बेटियों मैं अपनी माताओं व पिताओ के कार्यस्थल पहुंच कर उनके कामकाज की जानकारी ली। उन्होंने जाना कि वह किस तरह अपना प्रतिदिन का कार्य संपादित करते हैं।और उसमें कितनी मेहनत और लगन की जरूरत होती है बेटियों ने पत्रिका के साथ साझा किए अपने अनुभव।

अंतरराष्ट्रीय, डॉटर्स डे 22 सितंबर को मनाया जाएगा। इसके अंतर्गत बेटियों मैं अपनी माताओं व पिताओ के कार्यस्थल(working place ) पहुंच कर उनके कामकाज की जानकारी ली। उन्होंने जाना कि वह किस तरह अपना प्रतिदिन का कार्य संपादित करते हैं।और उसमें कितनी मेहनत और लगन की जरूरत होती है बेटियों(daughters day) ने पत्रिका के साथ साझा किए अपने अनुभव।(bitiya at work)
बिटिया इन ऑफिस

जगिशा सालोदिया

पहली बार पापा की तरह स्टेथोस्कोप को कान में लगाकर मरीज को देखा, काफी अच्छा लगा। पापा की तरह मरीज को देखते है और उन्हें परामर्श देते है। यह मैंने अच्छी तरह से देखा और समझा है। मैं भी पापा की तरह डॉक्टर बनूंगी।
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आस्था शर्मा
राजस्थान पत्रिका की वजह से आज पहली बार पापा के साथ ऑफिस में बैठने का मौका मिला। पापा से कानूनी फाइलों और किताबों के रख-रखाव, केस डायरी मैनटेन और अपडेट रखने के कार्य को समझा। इसके साथ ही पापा ने मुझे दावा पेश करने और अदालत में बयान इत्यादि लेने जैसे महत्वपूर्ण कार्य को समझाया। टफ जॉब है लेकिन इंट्रेस्टिंग है।
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जोशा

मम्मी के कार्यालय आकर देखा तो काफी अच्छा लगा। यहां ऑफिस में काफी काम रहता है, लेकिन इससे मेरा मनोबल बढ़ा है और मैं भी आगे चलकर शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी अधिकारी बनूंगी।
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अथश्री दाधीच

पापा के साथ पहली बार कॉलेज आई हूं। यहां ऑफिस में पापा का काम देखा और कॉलेज घूमी। मैं यहां सभी से मिलकर खुश हूं। मैं भी इसी कॉलेज में पढ़ूंगी। पापा में मुझसे प्रोमिस भी किया है। कॉलेज आकर अच्छा लगा है।
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किंगल कुमावत
मैं बड़ी होकर मेरे पापा की तरह ही पुलिस की ऑफिसर बनूंगी बड़े-बड़े चोर और बदमाशों को पकड़कर हवालात में बंद करूंगी।

एक छोटी सी शुरुआत. बिटिया के हौसले को परवान चढ़ाने की. इस बार 16 सितम्बर से 22 सितम्बर के मध्य किसी भी एक दिन अपने कार्य स्थल पर
साथ लाएं अपनी 8 से 19 वर्ष तक की बेटियों को . उसे मौका दीजिए आपकी तरह आपके काम को समझने और निर्णय करने का. उसके इस अद्वितीय अनुभव को लिख कर हमें उसकी फोटो के साथ अवश्य भेजिए . हम इसे साझा करेंगे अपने करोड़ो सुधी पाठकों के साथ.
फोटो भेजने के लिए क्लिक करें -: http://daughter.patrika.com
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सोशल मीडिया पर हैशटैग #BitiyaAtWork या #DaughterAtWork लिखकर पोस्ट कीजिए
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