हेड़ा ने यूओ नोट जारी कर सात दिन में रिपोर्ट तलब की है। सर्वे में यह रिपोर्ट तैयार करनी होगी कि बांडी नदी की राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार इसका पाट (चौड़ाई) कितना है तथा अब कितना रह गया है। पाट पर हुए अतिक्रमण तथा नियमन की रिपोर्ट भी तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं एडीए की शुरुआती जांच में सामने आया है कि ज्ञान विहार में बांडी नदी की करीब दो बीघा भूमि पर कब्जा कर यहां अतिक्रमियों ने फैक्ट्री व गोदाम व मकान बना लिए हैं। अन्य जगहों पर भी अतिक्रमण है। अब एडीए पक्के निर्माणों को चिह्नित करने में जुट गया है।
नोटिस जारी करने के निर्देश एडीए अध्यक्ष ने इस मामले में ढिलाई बरतने वाले कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने तथा अतिक्रमियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस नाले के जरिए नाग पहाड़ का बरसाती पानी, प्रगति नगर, कोटड़ा तथा ज्ञान विहार कॉलोनी का बरसाती व नाले का पानी बांडी नदी के जरिए होते हुए
आनासागर झील में पहुंचता है।
बन सकता है शानदार रिवर फ्रंट
जिस तरह अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे रिवर फ्रंट बनाया गया है, उसी तर्ज पर बांडी नदी को भी विकसित किया जा सकता है। साबरमती रिवर फ्रंट को मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम रहते हुए बनवाया था। यह नदी कभी गंदे नाले में तब्दील हो चुकी थी।
मोदी ने इसकी सफाई कराने के अलावा जगह-जगह ट्रीटमेंट प्लान्ट बनवाए। रिवर फ्रंट पर खूबसूरत गार्डन, वॉक-वे, साइकिल ट्रेक बनवाया। अब इसके किनारे हर साल इन्टरनेशनल काइट फेस्टिवल होता है। देश-दुनिया के लोग इसको देखने के लिए उमड़ते हैं।