जिले में पेयजल आपूर्ति को लेकर चल रही उठापटक व राजनीति पर विराम लगाने के साथ ही अब सरकार ने डेमेज कंट्रोल के रूप में अजमेरवासियों को पेयजल समस्या से निजात मिलने का मार्ग प्रशस्त करने का बड़ा फैसला किया। सरकार ने चित्तौडगढ़़ स्थित ब्राह्मी नदी पर 6000 करोड़ रुपए की लागत से बांध निर्माण के लिए स्वीकृति दे दी है। इसकी डीपीआर बनाने का कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
योजना के पूरा होने के बाद ब्राह्मी नदी का पानी जो चंबल में गिरता है उसे मोड़ कर बनास नदी में भेजा जाएगा, जो त्रिवेणी के जरिए बीसलपुर पहुंचेगा। जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता सत्येन्द्र सिंह ने पत्रिका को फोन पर जानकारी दी कि सरकार ने ब्राह्मी नदी पर बांध बनाने की योजना के लिए सरकार ने स्वीकृति दे दी है। इसके लिए सिंचाई विभाग को हरी झंडी मिलने के साथ ही अब डीपीआर का कार्य शुरू किया जाएगा।
सिंह ने बताया कि बनास नदी में पानी मोडऩे पर बीसलपुर में पानी की आवक होने से अजमेर की लाइफ लाइन बीसलपुर में जलापूर्ति बढ़ सकेगी। त्रिवेणी के जरिए यह पानी बीसलपुर पहुंचेगा। आने वाले कुछ वर्षों में बांध निर्माण पूर्ण होने पर शहर को रोजाना जलापूर्ति हो सकेगी।
सिंह ने बताया कि बनास नदी में पानी मोडऩे पर बीसलपुर में पानी की आवक होने से अजमेर की लाइफ लाइन बीसलपुर में जलापूर्ति बढ़ सकेगी। त्रिवेणी के जरिए यह पानी बीसलपुर पहुंचेगा। आने वाले कुछ वर्षों में बांध निर्माण पूर्ण होने पर शहर को रोजाना जलापूर्ति हो सकेगी।
अब हर दूसरे दिन आएगा पानी
अधीक्षण अभियंता सिंह ने बताया कि बीसलपुर में पर्याप्त आवक होने के कारण अब जिले में 48 घंटे से जलापूर्ति होगी। पहले 48 घंटे की दो व तीसरी आपूर्ति 72 घंटे से करने का ऐलान किया गया था लेकिन अब विभाग ने दो दिन के अंतराल से सभी जोनों में जलापूर्ति करने का ऐलान किया है। देखना यह है कि यह व्यवस्था वीआईपी मूवमेंट तक रहती है या आगे भी रहती है। मालूम हो कि सरकार हमेशा चुनाव के आसपास ही ऐसी घोषणाएं करती है। बाद में यह परियोजनाएं
और घोषणाएं फुस्स साबित होती हैं।
अधीक्षण अभियंता सिंह ने बताया कि बीसलपुर में पर्याप्त आवक होने के कारण अब जिले में 48 घंटे से जलापूर्ति होगी। पहले 48 घंटे की दो व तीसरी आपूर्ति 72 घंटे से करने का ऐलान किया गया था लेकिन अब विभाग ने दो दिन के अंतराल से सभी जोनों में जलापूर्ति करने का ऐलान किया है। देखना यह है कि यह व्यवस्था वीआईपी मूवमेंट तक रहती है या आगे भी रहती है। मालूम हो कि सरकार हमेशा चुनाव के आसपास ही ऐसी घोषणाएं करती है। बाद में यह परियोजनाएं
और घोषणाएं फुस्स साबित होती हैं।
सिर्फ दरगाह दीवान कर सकते हैं काम.. ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली की ओर से दरगाह में समय-समय पर अदा की जाने वाली धार्मिक रस्मों के मामले में दायर याचिका को अदालत ने जनहित का माना है। इस मामले में अदालत ने आम सूचना जारी करने के आदेश दिए हैं। इससे अब कोई भी व्यक्ति अदालत में अपना पक्ष रख सकता है।