अजमेर

Crime : कुख्यात है गैंगस्टर मांग रहे यह सुविधा

पांच दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हैं दो कैदीनहीं कराया नेहरू अस्पताल में मेडिकल

अजमेरAug 31, 2019 / 09:57 pm

himanshu dhawal

Crime : हार्डकोर कैदियों की बिगड़ी तबीयत, नहीं कराया मेडिकल

अजमेर. कुख्यात लॉरेंस विश्नोई से जुड़े और हाई सिक्योरिटी (High security) जेल में भूख हड़ताल पर बैठे हार्डकोर कैदियों की तबीयत बिगड़ गई। शनिवार (Saturday) को उन्हें तत्काल जवाहरलाल नेहरू अस्पताल (Jln) लाया गया। दोनों मेडिकल के बजाय अस्पताल में भर्ती होने पर अड़ गए। चिकित्सकों की समझाइश के बाद उन्हें कैदी वार्ड में भर्ती कराया गया। इस दौरान भारी पुलिस जाप्ता अस्पताल में मौजूद रहा।
सेंट्रल जेल में दूध और भोजन की गुणवत्ता को लेकर कैदी रामदत्त और मांगीलाल बीती 26 अगस्त से भूख हड़ताल (hunger strike) पर बैठे हैं। लगातार पांच दिन भूख हड़ताल पर बैठने से उनका शरीर में क्रिएटिनिन स्तर कम होने लगा। शनिवार को दोनों की तबीयत बिगड़ गई। इस पर दोनों को पुलिस जाप्ते में जवाहरलाल नेहरू अस्पताल पहुंचाया गया।
नहीं कराएंगे मेडिकल

अस्पताल के ओपीडी में चिकित्सकों दोनों कैदियों के मेडिकल करना चाहा तो वे बिगड़ गए। दोनों जेल संबंधित शिकायतों को लेकर मेडिकल ( medical) नहीं कराने पर अड़ गए। साथ ही प्रशासन पर अनदेखी की बात कहते रहे। चिकित्सकों ने उन्हें लगातार भूखे रहने से तबीयत बिगडऩे और बीमारियों की बात कही। काफी समझाइश के बावजूद दोनों ने मेडिकल नहीं कराया। दोनों को बिफरता देखकर पुलिसकर्मियों के हाथ-पैर फूल गए।
बैठे थे 150 बंदी !

सेंट्रल जेल पिछले दो महीने (two month) से सुर्खियों में है। जुलाई में बंदियों से सुविधा शुल्क वसूली मामले में एसीबी ने चार प्रहरियों सहित सात आरोपियों को गिरफ्तार किया था। उधर हाई सिक्योरिटी जेल में में 26 अगस्त को मांगीलाल नोखड़ा और रामदत्त सहित भूख हड़ताल पर 150 कैदी भूख हड़ताल पर बैठे थे। लेकिन कई कैदियों ने कदम पीछे खींच लिए थे।
लॉरेंस विश्नोई गैंग से है नाता
भूख हड़ताल पर बैठे दोनों कैदियों का नाता कुख्यात लॉरेंस विश्नोई गैंगस्टर (Lawrence Vishnoi Gangster) से बताया जाता है। दोनों इस गैंग में सक्रिय हैं। हाई सिक्योरिटी जेल में मोबाइल सिम मिलने के मामले में पिछले दिनों लॉरेंस विश्नोई सहित मांगीलाल विश्नोई उर्फ नोखड़ा और महेंद्र को एसीबी की अदालत में पेश किया गया था। अदालत ने तीनों को मोबाइल सिम मामले में बरी कर दिया था।
फैक्ट फाइल….

27 दिसंबर 2012 : तत्कालीन जेल अधीक्षक शंकरलाल ओझा की तैनाती पर बंदी भूख हड़ताल पर बैठे थे। जिला कलक्टर की समझाइश पर हड़ताल खत्म हुई थी।
15 जनवरी 2015: सुविधाओं में कटौती होने पर कैदी भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। जबकि तलाशी में बैरक से रूम हीटर और कई सामान मिले थे।
 

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