शहर की प्रमुख सडक़ शास्त्री नगर-जनाना अस्पताल के द्वितीय चरण में फोरलेन किए जाने पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। वन विभाग ने विभाग की 0.965 हैक्टेयर भूमि को लेकर अड़ंगा लगा दिया है। इस कारण फोरलेन का दूसरा चरण शुरु नहीं हो पा रहा है। जबकि एडीए ने दूसरे चरण के लिए 3.5 करोड़ के टेंडर भी जारी कर दिए हैं। लोहागल गांव में सडक़ के किनारे विद्युत लाइन को भूमिगत किया जा रहा है। एडीए ने प्रथम चरण में लोहागल गांव से जनाना अस्पताल तिराहे तक 1.4 किमी सडक़ पर करीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च कर सडक़ को फोरलेन कर दिया है।
शहर की प्रमुख सडक़
शहर की प्रमुख सडक़
यह सडक़ अजमेर की मुख्य सडक़ (एमडीआर) है। इस पर जनाना अस्पताल,आईजी स्टाम्प,निजी कॉलेज व आईटीआई स्थापित हैं। यह मुख्य सडक़ एनएच 79 से जोड़ती है इससे नागौर, बीकानेर, जयपुर व सीकर के लिए सीधे ही जाया जा सकता है। पीडब्ल्यूडी ने शास्त्री नगर पुलिस चौकी से लोहागल ग्राम तक सडक़ चौड़ी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के लिए के वन विभाग को आवेदन किया है। इसके लिए एडीए एक लाख रुपए उपलब्ध करवाए हैं।
सिक्सलेन का काम स्मार्ट सिटी के भरोसे
सिक्सलेन का काम स्मार्ट सिटी के भरोसे
जयपुर रोड सिक्सलेन की महत्वाकांक्षी योजना का दूसरा चरण अटक गया है। जयपुर रोड पर 4.7 किमी मार्ग चौड़ा (अम्बेडकर सर्किल से एमडीएस तिराहे तक सिक्सलेन) होना है। लेकिन स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अफसर इस रोड को सिक्सलेन करने तथा इसकी बाधाए हटाने के लिए अभी धरातल पर नहीं आए हैं। द्वितीय चरण के लिए न तो प्लानिंग हुई और न ही किसी तरह की स्वीकृति ही स्मार्ट सिटी के जरिए जारी हुई। इस 4.7 किमी मार्ग में कई सरकारी भवन, स्कूल और कॉलेज, कोर्ट, ढाबे और अन्य अतिक्रमण शामिल हैं। अफसर अतिक्रमण हटाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
पहला चरण पूरा
पहला चरण पूरा
एडीए ने शहर में प्रवेश द्वार को सुधारने की कड़ी में वर्ष 2016 में जयपुर रोड को सिक्स लेन करने की योजना बनाई गई थी। पहले चरण में एडीए ने अपने हिस्से की करीब 3.3 किमी सडक़ को सिक्स लेन कर दिया है। इस पर करीब 7 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। दूसरा चरण स्मार्ट सिटी के भरोसे है।
भूमि नहीं मिली ठप हो गया ओवर ब्रिज का निर्माण
भूमि नहीं मिली ठप हो गया ओवर ब्रिज का निर्माण
दौराइ,खानपुरा के लोगों को ब्यावर रोड से निर्बाध रूप से आवगमन तथा अजमेर डेयरी की सुविधा के लिए बनाया जा रहा ओवर ब्रिज एक साल से ठप है। निर्माण कर रही कम्पनी आरएसआरडीसी ने निर्माण में लगी मशीनें भी हटा ली है। निर्माण नहीं होने का करण ब्रिज निर्माण में 0.0252 हेक्टेयर भूमि का आवाप्त नहीं होना है। जिम्मेदार अफसरों ने बिना पूरी भूमि को आवाप्त किए ही निर्माण शुरु कर दिया लेकिन आवाप्ति का फ”ार आ जाने से ब्रिज निर्माण बंद है। ब्यावर रोड पर अधूरे ब्रिज निर्माण के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आरएसआरडीसी ने इसका निर्माण शुरु किया था इस पर खर्च होने हैं।