एनडब्लूआरईयू की स्टेशन शाखा के अध्यक्ष के. के. वर्मा ने कहा कि वंदे भारत का संचालन अजमेर से किया जा रहा है। गाडी की मरम्मत और साफ-सफाई अजमेर का स्टाफ करेगा तो लोको पायलट, गार्ड व चैकिंग स्टाफ जयपुर मंडल का लगाना अजमेर के कर्मचारियों से अन्याय है।
समझौता माने प्रशासन
शाखा सचिव बालमुकुंद सैन ने कहा कि जयपुर मंडल का स्टाफ अजमेर मंडल में 400 किलोमीटर से अधिक गाडी का संचालन कर रहा है। यूनियन के साथ प्रशासन का नई गाड़ियों के संचालन में किलोमीटर बैलेंसिंग के आधार पर स्टाफ तैनात करने का लिखित समझौता है। वंदे भारत में अजमेर मंडल का ही रनिंग स्टाफ, क्रू और चैकिंग स्टाफ होना चाहिए। अन्यथा ट्रेन के उद्घाटन पर अजमेर मंडल के रेल कर्मचारी विरोध प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शन में के.के. वर्मा, बालमुकन्द सैन, राजेन्द्र भोपरिया, के.के मौर्य, नाथूराम जाट, मुकेश जारवाल दामोदर, दिनेश कुमार, धर्मेन्द्र सिंह, दीपमाला परमार सहित करीब 200 रेल कर्मचारियों ने भाग लिया। उल्लेखनीय है कि 25 मार्च को प्रदेश की पहली वंदे भारत अजमेर पहुंची थी। इसके बाद ट्रायल हुए। इस संबंध में रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यूनियन के विरोध से उच्चाधिकारियों के अवगत करा दिया है।
मंडल अध्यक्ष मोहन चेलानी के अनुसार लोको पायलट, गार्ड और चैकिंग स्टाफ को गाड़ी के हिसाब से भत्ता मिलता है। नई गाड़ी में अलग से स्टाफ की जरूरत होती है। स्टाफ की संख्या बढ़ेगी तो पदोन्नति के अवसर भी बढ़ेंगे। वंदे भारत में अजमेर मंडल का स्टाफ नहीं होने से कर्मचारियों को इस सबका नुकसान होगा।