गौरतलब है कि आकाशीय बिजली से जंगल में पशुओं को चराने गए दो सगे भाइयों सहित तीन बालकों की मौत हो गई थी। प्रकृति के इस प्रकोप के बाद उक्त घटना को लेकर सोमवार को जिला प्रशासन ने गांव कूदिन्ना पहुंच मृतक बालकों के परिजनों को ढांढस बंधाया और दुख की इस घड़ी का परिवार सामना कर सके।
जिला कलक्टर इस दौरान ग्रामीणों से मिले उनकी समस्याओं को जाना और समाधान का आश्वासन दिया। इस दौरान कलक्टर के साथ पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत, तहसीलदार पुरुषोत्तम लाल के साथ उपखंड स्तरीय अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
जिला कलक्टर राकेश जयसवाल ने बताया कि आकाशीय बिजली का शिकार बने गांव के तीन बालकों के पीडि़त परिवारों को आर्थिक सहायता का प्रस्ताव बनकर तैयार हो गया है। सरकार की ओर से चार लाख और मुख्यमंत्री कोष से एक लाख की सहायता दी जाएगी। ऐसे में तीनों बालकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए का आर्थिक सम्बल प्रदान किया जाएगा।
गौरतलब है कि कुदिन्ना गांव में रविवार की शाम वज्रपात से अतर सिंह के पुत्र लवकुश और रामवीर के पुत्र विपिन और गोलू की पशु चराने के दौरान दीवार के सहारे खड़े होने पर अचानक आकाशीय बिजली गिरने से मौत हुई थी। घटना के बाद से गांव में शोक छाया है। हर घर खामोश है।