अजमेर

दावों का निकला दम, नहीं सुधरेंगे हम

– स्टोर में धूल फांक रहे यातायात पुलिस को आए बॉडी कैमर., अवैध वसूली रोकना था मुख्य उद्देश्य
शहर में यातायात पुलिसकर्मियों की अवैध वसूली को लेकर बार-बार मामले उजागर होने का सिलसिला जारी है। ऐसे में यातायात पुलिसकर्मियों की अवैध वसूली को रोकने और यातायातकर्मियों को आधुनिक तर्ज पर तैयार करने के लिए जयपुर मुख्यालय से जिला मुख्यालय पर यातायातकर्मियों बॉडी कैमरे भेजे गए थे, लेकिन इस कैमरों को आए एक साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन इसका उपयोग अभी तक शुरू नहीं हो सका है।
 

अजमेरJul 07, 2021 / 01:07 am

Dilip

दावों का निकला दम, नहीं सुधरेंगे हम

अमित सिंह
धौलपुर. शहर में यातायात पुलिसकर्मियों की अवैध वसूली को लेकर बार-बार मामले उजागर होने का सिलसिला जारी है। ऐसे में यातायात पुलिसकर्मियों की अवैध वसूली को रोकने और यातायातकर्मियों को आधुनिक तर्ज पर तैयार करने के लिए जयपुर मुख्यालय से जिला मुख्यालय पर यातायातकर्मियों बॉडी कैमरे भेजे गए थे, लेकिन इस कैमरों को आए एक साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन इसका उपयोग अभी तक शुरू नहीं हो सका है।
पुलिस स्टोर में बॉडी कैमरे धूल फांक रहे है। उल्लेखनीय है कि ड्यूटी पर मुस्तैद रखने के लिए यातायात पुलिसकर्मियों के लिए बॉडी कैमरे लगाने के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय से जिला के यातायात पुलिसकर्मियों के लिए दो दर्जन से अधिक बॉडी कैमरे मंगवाए गए थे। यह व्यवस्था जयपुर-जोधपुर पुलिस आयुक्तालय के अलावा बड़े शहरों में ही लागू थी। जिले में इस प्रकार की व्यवस्था से यातायात पुलिस को एक नई दिशा मिलने वाली थी। लेकिन सालभर से अधिक का समय गुजर जाने के बाद अभी तक यातायातकर्मियों की ओर से इनका उपयोग नहीं किया जा रहा है। कैमरे हाल में पुलिस स्टोर में ही रखे हुए है। अवैध वसूली रोकना था मुख्य उद्देश्ययातायातकर्मियों के बॉडी कैमरे लगने से जहां चालान काटने के दौरान वाहन चालक को उलझना भारी पड़ेगा। वहीं यातायातकर्मियों द्वारा अवैध वसूली पर भी रोक लगाना उद्देश्य था। बॉडी कैमरे में वीडियो के साथ ऑडियों सिस्टम भी है, कई बार वाहन चालक किसी से फोन पर बाते कराने का प्रयास करता है या चालान कटवाने में आनाकानी करता या उलझ जाता है। वहीं जुर्माना भरने के बजाय यातायातकर्मी को लालच देने पर उसकी रिकॉर्डिंग होगी। वहीं पुलिसकर्मी भी वाहन चालकों से अवैध वसूली नहीं कर पाएंगे।
एक दर्जन यातायात प्वाइंट
जिला मुख्यालय पर एक दर्जन यातायात प्वाइंट हैं। जहां पर अधिक यातायात पुलिसकर्मियों का जाप्ता रहता है, वहां पर चालान काटने वाले हैडकांस्टेबल की बॉडी पर कैमरा लगाने की योजना थी। इससे सभी की मॉनिटरिंग होती रहे। वहीं अब यातायात पुलिसकर्मी प्वॉइंट छोडकऱ इधर-उधर नहीं बैठ सकेंगे। इससे यातायात संचालन भी सुगम रहेगा।
उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय पर वर्तमान में जिला मुख्यालय पर बनाए गए यातायात प्वॉइंट पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी तो लगाई जाती है। लेकिन यातायातकर्मी इधर-उधर बैठे रहते हैं। इससे यातायात बाधित होने के बावजूद उठकर नहीं जाते हैं। इंटरसेप्टर पर दो कैमरे लगने थेयातायात पुलिसकर्मियों के अलावा के जिला मुख्यालय पर उपलब्ध इंटरसेप्टर गाड़ी में भी दो बॉडी कैमरे लगाए जाने थे। इसके तहत एक अंदर तथा एक बाहर रहेगा। इससे अंदर बैठे पुलिसकर्मियों की गतिविधियों की जानकारी भी रिकॉर्ड होगी। मौका स्थिति के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
उल्लेखनीय है कि इंटरसेप्टर गाड़ी पर भी राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलने वाले वाहन चालकों से अवैध वसूली की शिकायतें पूर्व में आ चुकी हैं।
ड्यूटी पर आते ही चालू करना होगा कैमरा

व्यवस्था के तहत यातायात पुलिसकर्मियों को ड्यूटी पर आते ही बॉडी कैमरा चालू करना पड़ेगा। साथ ही जब तक ड्यूटी पर तैनात हैं, तब तक चालू ही रखना पड़ेगा। अगर बीच में कुछ देर के लिए बंद कर दिया तो तुरंत जांच कराई जाएगी और जानबूझकर बंद करते मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। इसकी सीधी मॉनिटरिंग अभय कमाण्ड सेंटर की जानी थी। इनका कहना….
पुलिस मुख्यालय से प्राप्त बॉडी कैमरे के बारे में जानकारी नहीं है। इस संबंध में जानकारी जुटाई जाएंगी। केसर सिंह शेखावत, जिला पुलिस अधीक्षक, धौलपुर.

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