राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एस. रविंद्र भट्ट बिना किसी सूचना के सेशन कोर्ट का दौरा करने पहुंच गए। भट्ट करीब एक किलोमीटर दूर कार खड़ी कर बिना सुरक्षा गार्डों के कोर्ट जा पहुंचे। उन्होंने विभिन्न कोर्ट रूम का निरीक्षण भी कर लिया, लेकिन हाईकोर्ट से तारीख सुनवाई पर आए कुछ वकीलों ने उन्हें पहचान लिया। इसके बाद न्यायालय में अफरा-तफरी मच गई। कई न्यायाधीश और अन्य अधिकारी भागते-दौड़ते सीट संभालते दिखे।
चीफ जस्टिस एस रविंद्र भट्ट बिना किसी सूचना के अजमेर पहुंचे। उन्होंने कार को सेंट्रल जेल और उसके आसपास ही रोक लिया। वे पैदल चलते हुए सेशन कोर्ट परिसर में आ गए। यहां उन्होंने विभिन्न न्यायालयों में साधारण व्यक्ति की तरह बैंच पर बैठकर सुनवाई देखी। साथ ही अदालत में वकीलों के कामकाज को देखा।
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जयपुर और जोधपुर हाईकोर्ट के कई वकील सुनवाई के लिए अजमेर आए थे। उन्होंने कोर्ट में भट्ट को चाय पीते पहचान लिया। जैसे ही उन्होंने दूसरे वकीलों को यह सूचना दी, समूचे अदालत परिसर में अफरा-तफरी मच गई। कई न्यायाधीश, अधिकारी और कर्मचारी चैंबर में सीट संभालते दिखे। इसके बावजूद भट्ट बिल्कुल सहज रहे। उन्होंने कोर्ट में पेशी पर आए लोगों से बातचीत भी की।
जयपुर और जोधपुर हाईकोर्ट के कई वकील सुनवाई के लिए अजमेर आए थे। उन्होंने कोर्ट में भट्ट को चाय पीते पहचान लिया। जैसे ही उन्होंने दूसरे वकीलों को यह सूचना दी, समूचे अदालत परिसर में अफरा-तफरी मच गई। कई न्यायाधीश, अधिकारी और कर्मचारी चैंबर में सीट संभालते दिखे। इसके बावजूद भट्ट बिल्कुल सहज रहे। उन्होंने कोर्ट में पेशी पर आए लोगों से बातचीत भी की।
देखा नई अदालत का काम
अधिवक्ता शशि प्रकाश इंदौरिया और अन्य ने बताया कि इस दौरान चीफ जस्टिस भट्ट को संभागीय कार्यालय के निकट नए अदालत परिसर के धीमे निर्माण कार्य की जानकारी दी। वकीलों ने कहा कि निर्माण कार्य पर करीब 16 करोड़ रुपए खर्च होना सामने आया है। सार्वजनिक निर्माण विभाग से पूछताछ में बजट नहीं होना बताया गया है। इससे नए भवन निर्माण में विलंब होना तय है। इस पर भट्ट ने जल्द कार्रवाई की बात कही।
अधिवक्ता शशि प्रकाश इंदौरिया और अन्य ने बताया कि इस दौरान चीफ जस्टिस भट्ट को संभागीय कार्यालय के निकट नए अदालत परिसर के धीमे निर्माण कार्य की जानकारी दी। वकीलों ने कहा कि निर्माण कार्य पर करीब 16 करोड़ रुपए खर्च होना सामने आया है। सार्वजनिक निर्माण विभाग से पूछताछ में बजट नहीं होना बताया गया है। इससे नए भवन निर्माण में विलंब होना तय है। इस पर भट्ट ने जल्द कार्रवाई की बात कही।
read more: RPSC: प्री-लिटिगेशन कमेटी ने किया 46 केस का निस्तारण पार्र्किंग और सुविधाओं का जायजा भट्ट ने कोर्ट के बाहर वाहनों की पार्र्किंग और वकीलों-पक्षकारों के लिए यूरिनल और अन्य सुविधाओं का जायजा लिया। कोर्ट में बने टॉयलेट में गंदगी और पानी भरा देख उन्होंने तत्काल सफाई के निर्देश दिए। इसके अलावा पार्र्किंग व्यवस्था दुरुस्त कराने को कहा।