दरगाह थानाप्रभारी दलबीर सिंह फौजदार ने शुक्रवार को अदालत में चालान पेश किया। प्रकरण के मुख्य आरोपी गौहर चिश्ती के साथ फूल गली निवासी ताजिम सिद्दीकी, पन्नीगरान चौक निवासी फखर जमाली, गुजरात राजकोट मोरबी निवासी रियाज हसन, जयपुर भट्टा बस्ती, शास्त्रीनगर हाल संजरी होटल निवासी मोइन खान को प्रथमदृषट्या दोषी माना। उन पर भड़काऊ, हिंसक नारा लगाने व मौन जुलूस की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप है। गौरतलब है कि आरोपी फिलहाल न्यायिक अभिरक्षा में घूघरा स्थित हाई सिक्योरिटी जेल में है।
दोस्त-कर्मचारी भी मददगार मौन जुलूस में भड़काऊ नारा लगाने वाला सैयद गौहर चिश्ती मुकदमा दर्ज होने के बाद फरार हो गया। उसको जिला स्पेशल टीम ने हैदराबाद से दोस्त अहसान उल्ला उर्फ मुन्नवर के घर से गिरफ्तार किया था। गौहर की फरारी में उसकी दुकान पर काम करने वाले नासिर ने मदद की थी। पुलिस ने मामले में दोस्त अहसान उल्ला और नासिर को भी प्रथमदृष्ट्या दोषी ठहराया है।
ये है मामला
नूपुर शर्मा के विवादित बयान पर 17 जून को समुदाय विशेष ने दरगाह क्षेत्र से मौन जुलूस निकाल कर विरोध जताया। हालांकि इससे पूर्व सैयद गौहर चिश्ती ने निजामगेट से जुलूस में तकरीर देते हुए विवादित नारा बुलन्द किया। नारे को निजाम गेट पर गौहर के साथ मौजूद समुदाय के अन्य लोगों ने भी दोहराया था। नारे को लेकर पुलिस प्रशासन से भी विवाद भी हुआ लेकिन तब पुलिस ने दो दिन बाद गौहर को पाबंद कर छोड़ दिया। इसके बाद 26 जून को नारे लगाने का वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने सैयद गौहर चिश्ती समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।