अजमेर जिले में marbale मार्बल कारोबार की भी यही स्थिति है। इससे ब्यावर उपखंड स्थित मिनरल कारखाने भी अछूते नहीं रहे। यहां बीते डेढ़ माह से ताले लटके पड़े हैं। यहां श्रमिकों की चहल-पहल रहती थी। ट्रकों की आवाजाही से क्षेत्र गुलजार था।
वैसे lock down लॉकडाउन के तीसरे चरण में व्यावसायिक गतिविधियां शुरू करने की छूट मिली है, लेकिन शर्तें इतनी कठिन है कि फैक्ट्री संचालकों के लिए इनकी पालना करना मुश्किल हो रहा है। फिर अधिकतर श्रमिक जैले-तैसे अपने-अपने घर लौट गए। परिवहन साधन बंद हैं। इन मजदूरों का घरों से वापस कारखाने आना संभव नहीं है।
एक हजार से अधिक मिनरल यूनिटें ब्यावर शहर सहित आस-पास के रीको क्षेत्र में एक हजार से अधिक मिनरल यूनिटें संचालित है। इनके बंद रहने से करीब दो सौ करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ है। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट का कारोबार का आंकड़ा अलग से है। राज्य सरकार ने व्यावसायिक गतिविधियां शुरू करने की अनुमति दी है,लेकिन 15-20 यूनिटें ही शुरू हो पाई है। यूनिट संचालकों के अनुसार लॉकडाउन के नियम काफी कठोर हैं। साथ में मोरवी का सेरेमिक उद्योग शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में अब मिनरल व्यापार को पटरी पर आने में समय लगेगा।
ब्यावर शहर के आस-पास रीको, प्रथम, द्वितीय व तृतीय, पीपलाज, रानीसागर, कानाखेड़ा क्षेत्र में करीब एक हजार से अधिक मिनरल यूनिट संचालित हैं। इन मिनरल यूनिट में आस-पास के गांवों के अलावा महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश एवं बिहार सहित अन्य स्थानों के करीब बीस हजार श्रमिक काम काम कर रहे हैं। बाहर के श्रमिक lock down लॉकडाउन के चलते घर चले गए हैं। उनके वापस आने तक भी इन यूनिट का काम प्रभावित ही रहेगा।
ब्यावर शहर के आस-पास रीको, प्रथम, द्वितीय व तृतीय, पीपलाज, रानीसागर, कानाखेड़ा क्षेत्र में करीब एक हजार से अधिक मिनरल यूनिट संचालित हैं। इन मिनरल यूनिट में आस-पास के गांवों के अलावा महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश एवं बिहार सहित अन्य स्थानों के करीब बीस हजार श्रमिक काम काम कर रहे हैं। बाहर के श्रमिक lock down लॉकडाउन के चलते घर चले गए हैं। उनके वापस आने तक भी इन यूनिट का काम प्रभावित ही रहेगा।
मोरवी से डिमांड आएगी तब तेज होगा कारोबार ब्यावर से मिनरल पाउडर मोरवी जाता है। वहां सेरेमिक उद्योग में अधिकतर इसकी खपत होती है। वहां पर अब तक उद्योग गति नहीं पकड़ सका है। प्रदेश में भवन निर्माण के कार्य बंद हैं। बाजार में भी टाइल्स की मांग नहीं बढ़ी है। ऐसे में जब तक व्यापार की चेन नहीं चलेगी, तब तक व्यापार गति नहीं पकड़ सकेगा।
छह सौ ट्रक लदान होते थे bewar ब्यावर इलाके से मिनरल औद्योगिक क्षेत्रों से प्रतिदिन छह सौ से सात सौ ट्रक लदान होते हैं। इनमें अधिकतर लदान गुजरात के मोरवी में जाता है। इसके अलावा अन्य स्थानों पर भी यह माल पहुंचाया जाता है। इससे करीब दस से पन्द्रह करोड़ से अधिक का ट्रांसपोर्ट व्यापार पर भी असर पड़ा है।
…तभी धुआं उगलेगी यूनिटें आशीषपाल पदावत, अध्यक्ष, लघु उद्योग संघ के अनुसार लॉकडाउन के नियमों की सभी एकजुटता से पालना कर रहे हैं। करीब दो सौ करोड़ का अब तक कारोबार प्रभावित हुआ है। फिलहाल करीब 15-20 यूनिट का संचालन शुरू हुआ है। मोरवी में व्यावसायिक गतिविधियां ठप है। वहां पर व्यापार शुरू होने के बाद ही ब्यावर की मिरल फै क्ट्रियां धुआं उगलेगी।
फेक्ट फाइल मिनरल यूनिटें : एक हजार कार्यरत श्रमिक : बीस हजार प्रतिदिन ट्रक लदान : 600