अजमेर. विद्यार्थियों और अभिभावकों से प्रति वर्ष लगभग एक सौ पच्चीस करोड़ रुपए शुल्क वसूलने वाला माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अधिकारियों और कर्मचारियों पर तो पूरी तरह मेहरबान है लेकिन जिनकी गाढ़ी कमाई से बोर्ड संचालित हो रहा है उन्हीं को धैले भर की भी सुविधा नहीं मिल रही है।
बोर्ड मुख्यालय में राज्य के कोने कोने से आने वाले हजारों विद्यार्थियों और अभिभावकों को अंकतालिका अथवा प्रमाण-पत्र की प्रतिलिपि के लिए तेज धूप अथवा बारिश में खुले आसमान के नीचे घंटों इंतजार करना पड़ता है। बोर्ड प्रशासन की नीयत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विद्यार्थियों के लिए प्रतीक्षा भवन का काम पिछले चार बरस में भी पूरा नहीं हो पाया है और निकट भविष्य में पूरा होने की उम्मीद भी नहीं है।
बोर्ड मुख्यालय में राज्य के कोने कोने से आने वाले हजारों विद्यार्थियों और अभिभावकों को अंकतालिका अथवा प्रमाण-पत्र की प्रतिलिपि के लिए तेज धूप अथवा बारिश में खुले आसमान के नीचे घंटों इंतजार करना पड़ता है। बोर्ड प्रशासन की नीयत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विद्यार्थियों के लिए प्रतीक्षा भवन का काम पिछले चार बरस में भी पूरा नहीं हो पाया है और निकट भविष्य में पूरा होने की उम्मीद भी नहीं है।