उप निदेशक डॉ. के.डी.नाथावत के नेतृत्व में चार सदस्यीय दलआनासागर बारादरी पहुंचा। टीम ने सुभाष उद्यान और बारादरी इलाके में पेड़ों पर कौओं के आवास, भोजन के बारे में पूछताछ की। इसके अलावा झील में प्रवासी पक्षियों की आवाजाही, पुष्कर रोड और सागर विहार कॉलोनी के निकट आश्रय स्थल देखे। यहां से टीम फायसागर झील पहुंची। टीम ने वहां भी प्रवासी और देशी पक्षियों की आवाजाही, आश्रय स्थल के बारे में पूछताछ की।
विभागों की बढ़ी चिंता
सांभर में कौओं की लगातार मौत से पशुपालन, वन एवं पर्यावरण तथा उद्यान विभाग की चिंता बढ़ी हुई है। अजमेर मुर्गीपालन-अंडा उद्योग का प्रमुख केंद्र है। सरकार ने जिला प्रशासन सहित उद्यान, पशुपालन-वन विभाग को पशु-पक्षियों की निगरानी रखने को कहा है। खासतौर पर मृत कौओं के शव का पशु-पक्षी सेवन नहीं करें इसको लेकर विशेष हिदायत दी गई है।
सांभर में कौओं की लगातार मौत से पशुपालन, वन एवं पर्यावरण तथा उद्यान विभाग की चिंता बढ़ी हुई है। अजमेर मुर्गीपालन-अंडा उद्योग का प्रमुख केंद्र है। सरकार ने जिला प्रशासन सहित उद्यान, पशुपालन-वन विभाग को पशु-पक्षियों की निगरानी रखने को कहा है। खासतौर पर मृत कौओं के शव का पशु-पक्षी सेवन नहीं करें इसको लेकर विशेष हिदायत दी गई है।
अजमेर में भी हो चुकी मौत
अजमेर में जनवरी 2021 में बारादरी, नया बाजार-पट्टी कटला, पुष्कर और अन्य इलाकों में करीब 40 कौओं की मौत हुई थी। इससे पहले साल 2019 के नवंबर-दिसंबर में आनासागर झील के किनारे और बारादरी पर 125 से ज्यादा कौए मृत मिले थे।
अजमेर में जनवरी 2021 में बारादरी, नया बाजार-पट्टी कटला, पुष्कर और अन्य इलाकों में करीब 40 कौओं की मौत हुई थी। इससे पहले साल 2019 के नवंबर-दिसंबर में आनासागर झील के किनारे और बारादरी पर 125 से ज्यादा कौए मृत मिले थे।