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अजमेर

Big Issue: वेंटीलेटर पर संस्कृत भाषा, किसी के पास नहीं कोई सॉल्यूशन…..

संस्कृत कॉलेजों में 20 साल पहले तक शिक्षकों की स्थिति ठीक थी। लगातार सेवानिवृत्तियों और रिक्त पदों से हालात बिगड़ते चले गए।

अजमेरAug 22, 2021 / 06:09 pm

raktim tiwari

sanskrit language in colleges and schools

sanskrit language in colleges and schools

रक्तिम तिवारी/अजमेर.

भाषाओं की जननी कहलाने वाली संस्कृत के हालात अच्छे नहीं हैं। राज्य के 33 संस्कृत कॉलेज में महज 70-80 शिक्षक कार्यरत हैं। कॉलेज स्तर पर हिंदी और अंग्रेजी के पदों की तुलना में संस्कृत पिछड़ रही है। राजस्थान लोक सेवा आयोग की सहायक आचार्य भर्ती-2020 में संस्कृत के महज 39 पद हैं। लेकिन इनमें एक भी पद संस्कृत कॉलेजों को नहीं मिल पाएंगे।
राज्य में अजमेर सहित अलवर, जयपुर, कोटा, उदयपुर, नाथद्वारा, डूंगरपुर, बीकानेर, सीकर और अन्य जिलों में राजकीय आचार्य संस्कृत कॉलेज हैं। शुरुआत से यह कॉलेज स्कूल शिक्षा के अधीन थे। लेकिन 2014-15 में स्कूल शिक्षा (संस्कृत) के सेवा नियम पृथक हो गए। कॉलेज सेवा नियम अब तक नहीं बने हैं। संस्कृत कॉलेजों में 20 साल पहले तक शिक्षकों की स्थिति ठीक थी। लगातार सेवानिवृत्तियों और रिक्त पदों से हालात बिगड़ते चले गए।
39 पद भी कॉलेज शिक्षा के
राजस्थान लोक सेवा आयोग की सहायक आचार्य भर्ती (कॉलेज शिक्षा)-2020 में संस्कृत के महज 39 पद शामिल हैं। जबकि हिंदी के 66 और अंग्रेजी भाषा के 55 पद हैं। उर्दू के 6 और पंजाबी के 2 पद रखे गए हैं। संस्कृत कॉलेजों में करीब 8 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। सहायक आचार्य संस्कृत के सारे पद कॉलेज शिक्षा से जुड़े हैं। इनमें राजकीय आचार्य संस्कृत कॉलेज को एक भी शिक्षक नहीं मिल पाएगा।
पर्यावरण-कंप्यूटर शिक्षा तक बदहाल
संस्कृत कॉलेज में हिंदी-अंग्रेजी के अलावा पर्यावरण और कंप्यूटर विषय भी संचालित है। राज्य के गिने-चुने कॉलेज को छोड़कर कहीं भी पर्यावरण और कंप्यूटर विषय के मूल शिक्षक नहीं हैं। कहीं हिंदी-अंग्रेजी तो कहीं वेद-व्याकरण के शिक्षकों को यह विषय पढ़ाने पड़ रहे हैं। जबकि यूजीसी के नियमानुसार संस्थानों में मूल विषय के शिक्षक होने अनिवार्य हैं।
श्रावण पूर्णिमा पर संस्कृत दिवस
देश में 1969 से श्रावण पूर्णिमा पर संस्कृत दिवस मनाया जाता है। सरकारों के स्तर संस्कृत सम्भाषण शिविर, संस्कृत काव्य पाठ-लेखन जैसी प्रतियोगिताएं होती हैं। लेकिन इसके बाद साल भर तक स्कूल-कॉलेज स्तर पर गतिविधियां, सामाजिक कार्यक्रम, संस्कृत पठन-पाठन की गतिविधियां नहीं होती हैं।
पिछली लेक्चर भर्तियां (आरपीएससी से)
2010: कोई पद नहीं (हिंदी-52, अंग्रेजी-10)
2014-15: 67 पद (हिंदी- 69, अंग्रेजी 93)

संस्कृत कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती बहुत आवश्यक है। लगातार सेवानिवृत्तियों से स्टाफ घट रहा है। सेवा नियम बनाने और आरपीएससी से भर्तियां होने पर ही कुछ सम्बल मिल सकता है।
डॉ. अवधेश मिश्रा, प्राचार्य राजकीय आचार्य संस्कृत कॉलेज अजमेर

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