महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mds university) के 32 वें स्थापना दिवस (foundation day ) और नवें दीक्षान्त समारोह (convocation) पर तलवार लटकी हुई है। यहां कुलपति के कामकाज पर रोक लगी हुई है। डीन कमेटी भी जुलाई अंत तक ही कामकाज कर सकती है। इसके बाद विश्वविद्यालय की प्रशासनिक और शैक्षिक दिक्कतें बढ़ सकती है।
विश्वविद्यालय की स्थापना (esthapna diwas)1 अगस्त 1987 को हुई थी। प्रतिवर्ष इसका स्थापना दिवस मनाया जाता है। साल 2015 से इसी दिन दीक्षांत समारोह का आयोजन भी होने लगा है। यहां बृहस्पति भवन में मंत्रोच्चार से हवन और पौधरोपण कार्यक्रम होता है। कुलपति, शिक्षक, कर्मचारी और अधिकारी इसमें शामिल होते हैं। लेकिन इस बार हालात ठीक नहीं है।
read more: कुलपति के कामकाज पर रोक
कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह के कामकाज पर 11 अक्टूबर 2018 से राजस्थान हाईकोर्ट (rajasthan high court) ने रोक लगाई हुई है। यह रोक 2 अगस्त तक जारी है। पिछले नौ महीने में कुलपति किसी शैक्षिक, प्रशासनिक समारोह अथवा कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए हैं। इसके चलते उनका 1 अगस्त को दीक्षांत समारोह या स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल होना भी मुश्किल है।
कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह के कामकाज पर 11 अक्टूबर 2018 से राजस्थान हाईकोर्ट (rajasthan high court) ने रोक लगाई हुई है। यह रोक 2 अगस्त तक जारी है। पिछले नौ महीने में कुलपति किसी शैक्षिक, प्रशासनिक समारोह अथवा कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए हैं। इसके चलते उनका 1 अगस्त को दीक्षांत समारोह या स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल होना भी मुश्किल है।
कैसे काम करेगी डीन कमेटी राजभवन ने परीक्षा, वित्त और कुछ अहम कार्यों के लिए डीन कमेटी (dean committee) बनाई है। इसमें प्रो. प्रवीण माथुर, प्रो. शिवदयाल सिंह, कार्यवाहक कुलसचिव और वित्त नियंत्रक भागीरथ सोनी शामिल हैं। कमेटी के सदस्य प्रो. माथुर का बतौर डीन कार्यकाल 30 जुलाई को खत्म हो जाएगा। यहां कुलसचिव पद चार महीने से रिक्त हैं। ऐसे में कमेटी भी अहम फैसले नहीं ले पाएगी।
पिछले साल भी साधारण समारोह…
पूर्व कुलपति प्रो. विजय श्रीमाली और दो कर्मचारियों के आकस्मिक निधन के चलते पिछले साल 1 अगस्त को दीक्षांत समारोह नहीं हो सका था। स्थापना दिवस साधारण तरीके से मनाया गया। वैदिक मंत्रोच्चार से हवन के अलावा बॉटनीकल गार्डन (botonical garden) में विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए थे।
पूर्व कुलपति प्रो. विजय श्रीमाली और दो कर्मचारियों के आकस्मिक निधन के चलते पिछले साल 1 अगस्त को दीक्षांत समारोह नहीं हो सका था। स्थापना दिवस साधारण तरीके से मनाया गया। वैदिक मंत्रोच्चार से हवन के अलावा बॉटनीकल गार्डन (botonical garden) में विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए थे।