घर भेजा जाता है पत्रबालाजी के इस मंदिर के प्रति भक्तों की अपार आस्था है। बुकिंग करवाने वाले भक्त को उनके लिए निर्धारित तिथि की सूचना पत्र के माध्यम से उनके घर भेजी जाती है। मोबाइल व दूरभाष पर भी सूचना दी जाती है। संबंधित तिथि पर भक्त माला, प्रसाद अगरबत्ती, पान का बीड़ा लेकर पहुंचते मंदिर पहुंचते हैं। बालाजी की प्रतिमा को हरिद्वार से मंगवाए गए गंगाजल से स्नान कराने के बाद चोल चढ़ाया जाता है।
50 से 60 बुकिंग पेंडिंगकई भक्त एक माह तक के लिए तो कुछ 15 दिन के लिए चोला चढ़वाते हैं। श्राद्ध पक्ष में चोला नहीं चढ़ता है। अभी करीब 50 से 60 बुकिंग पेंडिंग चल रही है। हर मकर संक्रांति से पूर्व खाताबही (रजिस्टर) को मेंटेन किया जाता है।
60 साल से देखरेखबालाजी का यह मंदिर बजरंगगढ़ पर िस्थत है। मंदिर की देखरेख कंवरसेन हमीरमल लोढ़ा परिवार करता है। मंदिर के मुख्य प्रबंधक रणजीतमल लोढ़ा ने बताया कि मंदिर उनके परिवार की निजी संपत्ति है। पिछले 60 साल से वे ही देखरेख कर रहे हैं। सुबह 9 से 11 बजे तक वे मंदिर स्थित कार्यालय में इस व्यवस्था को देख रहे हैं।