अजमेर

शिक्षा के नाम पर हो रहा मजाक, एेसा ही चलता रहा तो कैसे विकसित होगा हमारे देश का भविष्य

शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी विद्यालयों के स्तर को ऊंचा उठाने के लाख दावे धरातल पर खोखले ही साबित हो रहे हैं। शहरी क्षेत्र में ही संचालित दौलतपुरा सिंघा, नृसिंहपुरा स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय का हाल ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय से भी गया गुजरा है।

अजमेरJan 10, 2017 / 07:19 pm

raktim tiwari

bad condition of govt school

शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी विद्यालयों के स्तर को ऊंचा उठाने के लाख दावे धरातल पर खोखले ही साबित हो रहे हैं। शहरी क्षेत्र में ही संचालित दौलतपुरा सिंघा, नृसिंहपुरा स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय का हाल ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय से भी गया गुजरा है। विद्यालय में कक्षा पहली से पांचवीं तक कुल 41 बच्चे पंजीकृत हैं। जिसमें मात्र एक शिक्षक ही कार्यरत है। इसके अतिरिक्त विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है।
 विद्यालय की चारदीवारी नहीं होने के कारण विद्यालय परिसर में गंदगी पसरी रहती है। इसके लिए संस्था प्रधान पूर्व में भी कई बार शिक्षा अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं। लेकिन विद्यालय में ना तो मूलभूत सुविधा बढ़ी और ना ही अन्य शिक्षकों की नियुक्ति ही की गई है। एक मात्र शिक्षक होने के कारण कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चों को एक कक्षा कक्ष में ही बैठकर पढ़ाना पड़ता है।
आयुक्त का सौंपा ज्ञापन

विद्यालय में चारदीवारी नहीं होने के कारण शीतकालीन अवकाश के कारण मवेशियों की ओर से की गई गंदगी जमा होने से स्कूल में कार्यरत एक मात्र शिक्षक सलामुद्दीन के सामने परेशानी खड़ी हो गई थी। संस्था प्रधान ने इस संबंध में नगर परिषद आयुक्त को पत्र लिखकर विद्यालय परिसर की सफाई कराने की मांग की है।
 संस्था प्रधान ने बताया कि विद्यालय में चारदीवारी नहीं होने से प्रतिदिन रात्रि के समय सर्दी से बचने के लिए लावारिश मवेशी स्कूल के बरामदे में आकर बैठ जाते हैं। मवेशियों की ओर से फैलाई गई गंदगी को प्रतिदिन सुबह स्कूल खोलने के समय साफ करना पड़ता है। इसके लिए हैंडपंप से पानी लाकर गोबर व मूत्र की सफाई करनी पड़ती है। शीतकालीन अवकाश के चलते गंदगी ज्यादा एकत्र होने से परिषद के सफाई कर्मियों के माध्यम से सफाई करवाने की मांग की है।
विद्यालय में चारदीवारी नहीं है। यह परेशानी लम्बे समय से चल रही है। जल्द ही इसका निस्तारण किया जाएगा। शिक्षकों की कमी भी जल्द ही पूरी हो जाएगी।

शशिकांत मिश्रा, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, जवाजा

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