अजमेर

एएसआई ने नोटिस मिलते ही बताई प्रोपर्टी डीलर,एडीए, डिस्कॉम व पड़ोसी की गलती

एएसआई द्वार सरकारी भूमि पर कब्जा कर मकान व चारदीवारी निर्माण का मामला
अब खुद को पाकसाफ साबित करने में जुटे उपनिरीक्षक बालूराम
2002 से दो मंजिला मकान, बाड़ा बनाकर ओसीएफ पर कब्जा

अजमेरJan 05, 2021 / 10:21 pm

bhupendra singh

अवैध अतिक्रमण

अजमेर. अजमेर विकास प्राधिकरण ada की कायड़ की शुभम कॉलोनी में 65 लाख रूपए की 625 वर्गगज जमीन पर कब्जा कर मकान बनाने,चारदीवारी कर बाड़ा बनाने वाले राजस्थान पुलिस के उप निरीक्षक ASI बालूराम चौधरी प्राधिकरण का नोटिस मिलते ही खुद को पाकसाफ साबित करने में जुट गए है। पहले वह स्वंय को प्रकृति प्रेमी बताते हुए सरकारी जमीन पर पेड़ लगाने तथा उनकी सुरक्षा के लिए चारदीवारी निर्माण की बात कह रहे थे। अब प्राधिकरण द्वारा मामले में सख्त रूख अपनाने के बाद अब वे भू-कारोबारी property dealer महेश अग्रवाल,नारायण गुर्जर द्वारा गलत पत्थरगढ़ी, तत्तकालीन यूआईटी (वर्तमान में एडीए),अजमेर विद्युत वितरण निगम discom तथा पड़ोसी neighbor’sको जिम्मेदार बता रहे हैं। उपनिरीक्षक बालूराम चौधरी ने प्राधिकरण आयुक्त को इस बाबत अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इसकी प्रति राजस्थान पत्रिका क्राइम रिपोर्ट को भी भेजी है। अब बिना बदनियती व परिस्थितिवश बने मेरे मकान को नियमानुसार इस मकान के प्लॉट की वर्तमान दर लगाकर आवंटन करने या मेरा वास्तविक प्लॉट संख्या 53 जो अन्य कब्जे में है को मैं एडीए को सुपुर्द करने को तैयार हूं।
53 नम्बर के दस्तावेज 54 नम्बर पर कब्जा

बालूराम के अनुसार मेरा मकान प्लॉट संख्या 53 की बजाय प्लाट संख्या 54 में गफलत व भूल से निर्मित हो गया है। जिसका सम्पूर्ण डबल मंजिल निर्माण 2008 में ही हो चुका है। मैने मकान के सम्र्पण दस्तावेजों, बैंक लोन आदि मकान नम्बर 53 ही सम्बोधित हो रहा है। तत्कालीन नगर विकास न्यास अजमेर ने 2002 में ही बालूराम को साइट लान जारी किया गया था जो पट्टे के साथ लगा हुआ है। साइट प्लान में स्पष्ट है कि भूखंड संख्या 53 के बगल में ओसीएफ जमीन है। मेरे मकान के बाद वर्तमान में अन्य व्यक्तियों के मकान तथा बाउंड्रीवाल बन चुके हैं।
अपनी गलती दूसरे के सिर मढऩे में लगे

सरकारी जमीन पर कब्जा कर निर्माण करने वाले बालू राम चौधरी के अनुसार मेरा प्लॉट नंबर किसी अन्य के कब्जे में है। उसको मैं सुपर्द करने को तैयार हूं, लेकिन जब प्लॉट ही किसी दूसरे के कब्जे में है तो वह इसे सुपर्द कैसे करेंगे इसका जवाब नहीं दिया। वहीं जब उनके प्लाट पर किसी अन्य ने कब्जा किया तो ना तो उन्होनें इसकी जानकारी प्राधिकरण को ही दी और न ही थाने में अतिक्रमी के खिलाफ मुकदमा ही दर्ज करवाया।
read more: थानेदारÓ ने किया सरकारी जमीन पर कब्जा,मकान व चारदीवारी का निर्माण

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