करीब डेढ़ साल पहले गुप्ता परिवार हजारों लोगों के निवेश किए करोडों रुपए समेटकर फरार हो गया। इसमें ढाई से तीन हजार पीडि़त शामिल थे। इन्होंने आरोपियों के खिलाफ पुलिस में मामले दर्ज कराए था। पुलिस अधीक्षक ने स्पेशल टीम का गठन किया। टीम ने कई जगह दबिश भी दी। लेकिन आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिला।
पुलिस ने देशभर में आरोपियों की तलाश जारी रखी। मुखबिर की सूचना और कॉल डिटेल के आधार पर इन्हें गुजरात के वलसाड और जयपुर से गिरफ्तार किया गया। इनमें विजय और विकास गुप्ता पुत्र प्रमोद गुप्ता, सपना किरण और गीता गुप्ता शामिल हैं। यह चैतन्य मार्ग नगरा निवासी हैं। पुलिस टीम में एसआई दातारसिंह, हैड कांस्टेबल बनवारी लाल, शिव कुमार, कांस्टेबल जगदीश, सुधीर कुमार, बाबूलाल और मुरारीलाल शामिल हैं।
शहर में धड़ल्ले से बीसी का कारोबार जारी है। इसमें ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर, घरेलू कार्य, अद्र्ध कुशल और विभिन्न व्यवसाय में कार्यरत लोग अपनी गाढ़ी कमाई जमा कराते हैं। बीसी संचालक प्रतिमाह या दो-तीन महीने में बीसी खोलकर रकम देते हैं। यह एफडी और बीसी में ज्यादा ब्याजदर का लालच भी देते हैं। कई मामलों में बीसी संचालक और चिटफंड कम्पनियां लोगों का करोड़ों रुपए समेट कर फरार हो चुकी हैं।