अजमेर. महिला बाल विकास विभाग के तहत संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की शिक्षा का ही ध्यान नहीं रखा जाता वरन कुपोषण से बचाने के लिए माता को गर्भधारण से लेकर प्रसूति काल में मिलने वाले प्रोटीन विटामिन युक्त संतुलित आहार दिया जाता है। नवजात के जन्म के छह माह बाद तक जच्चा-बच्चा को पौष्टिक आहार दिया जाता है। जिले में संचालित करीब एक हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में विभिन्न योजनाओं में औसतन 60 हजार लाभार्थी हैं। इनमें धात्री व गर्भवती महिलाओें की संख्या 10 हजार के करीब है। केन्द्र में पूरक पोषाहार, पूर्व बाल्यावस्था शिक्षा, पोषण व स्वास्थ्य शिक्षा, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच व रैफरल सेवाएं उपलब्ध रहती हैं।
इस तरह मिलता है पोषाहार गर्भवती व धात्री महिलाएं – फोर्टिफाइड न्यूट्री मीठा दलिया व फोर्टिफाइड मूंग दाल खिचड़ी 1400 ग्राम। सादा गेंहू दलिया 700 ग्राम। प्रतिमाह तीन पाउच। छह माह से तीन साल के बच्चे – फोर्टिफाइड न्यूट्री मीठा दलिया व फोर्टिफाइड मूंग दाल खिचड़ी 480 ग्राम। सादा गेंहू दलिया 540 ग्राम। फोर्टिफाइड बालाहार प्रीमिक्स 1375 ग्राम। प्रतिमाह चार पाउच।
अतिकुपोषित बच्चों के लिए अधिक मात्रा – फोर्टिफाइड न्यूट्री मीठा दलिया व फोर्टिफाइड मूंग दाल खिचड़ी 500 ग्राम।सादा गेंहू दलिया 1500 ग्राम। फोर्टिफाइड बालाहार प्रीमिक्स 1125 ग्राम। प्रतिमाह पांच पाउच।तीन से छह वर्ष अतिकुपोषित बच्चे- फोर्टिफाइड बालाहार प्रीमिक्स – 1550 ग्राम। प्रतिमाह एक पाउच।
———————————————— तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए नाश्ता व गरम खाना। नाश्ता– मीठा मुरमुरा, सोम, बुधवार शुक्रवार – 60 ग्राम। – नमकीन मुरमुरा मंगलवार गुरुवार व शनिवार – 60 ग्राम।- फोर्टिफाइड मूंगदाल खिचड़ी सोमवार व गुरुवार
—————————— भोजन फोर्टिफाइड मूंगदाल खिचड़ी सोमवार व गुरुवार 60 ग्राम। न्यूट्री मीठा दलिया मंगलवार व शुक्रवार 60 ग्राम।फोर्टिफाइड उपमा प्रीमिक्स 60 ग्राम बुधवार व शनिवार —————————— इनका कहना है
सभी केन्द्रों पर यह व्यवस्था लागू है। कब कौनसा नाश्ता मिलेगा इसकी भी सार्वजनिक जानकारी दी जाती है। अभियान का उद्देश्य बच्चों को कुपोषण से बचाते हुए उनका सर्वांगीण विकास करना है। शैलेन्द्र कुमार, उपनिदेशक (कार्यवाहक), महिला व बालविकास विभाग अजमेर।