पहाड़ों के आंसू टपकते हुए देखना है तो ऋषि घाटी स्थित चिल्ले पर चले जाएं। यहां स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के चिल्ले पर आंसू बहाते पहाड़ आज भी देखे जा सकते हैं।
चिल्ले पर वही आंसुओं के निशान आज भी मौजूद है। खादिमों के अनुसार ख्वाजा गरीब नवाज जब अजमेर आए थे, तब उन्होंने ऋषि घाटी स्थित पहाड़ी पर करीब 40 दिन तक इबादत की थी जिसे चिल्लाकशी कहा जाता है। वह स्थान आज ख्वाजा साहब के चिल्ले के रूप में विख्यात है।
गरीब नवाज की दरगाह जियारत के लिए आने वाले कई जायरीन इस चिल्ले की जियारत भी करते हैं। ख्वाजा साहब के 810वें उर्स में भी चिल्ले पर जबरदस्त रौनक बनी हुई है। जहां ख्वाजा साहब का चिल्ला है वहां पहाड़ी के निचले हिस्से में आंसू की आकृति देखी जा सकती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अजमेर दरगाह में लगी हाजिरी सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 810वें उर्स के मौके पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से चादर और फूल पेश कर अमन-चैन की दुआ की गई। मोदी की चादर लेकर केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी दोपहर 12.30 बजे दरगाह पहुंचे। जबकि सोनिया की चादर लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजस्थान प्रभारी अजय माकन, पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी आदि दोपहर 2.30 बजे दरगाह पहुंचे। दरगाह में दोनों की चादरें कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच पेश की गई।