दो दिन रहेगी अमावस्या, तीर्थ स्नान-दान का मिलेगा फल
विभिन्न योग-संयोगों में 10 जुलाई को शनिश्चरी अमावस्या मनाई जाएगी। इस दौरान दिनभर स्नान-दान का दौर जारी रहेगा। वहीं, लोग घर पर ही आस्था की डुबकी लगाएंगे। ज्योतिषविदों के मुताबिक इस बार अमावस्या तिथि की वृद्धि होने से दो दिन अमावस्या रहेगी। शुक्रवार को पितृ कार्य तथा 10 जुलाई को देवकार्य की अमावस्या होगी। तीर्थ स्नान व पुण्य का विशेष फल मिलेगा। इस बार शनिश्चरी अमावस्या पर पुनर्वसु नक्षत्र रहेगा। ऐसे में गुरु ग्रह का इस नक्षत्र में होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अमावस्या शुक्रवार सुबह 5.17 बजे से शनिवार सुबह 6.47 बजे तक रहेगी। शनिवार को सूर्योदय 5.44 बजे होगा। इस दिन लगभग एक घंटे तक अमावस्या की तिथि रहने के चलते शनिश्चरी अमावस्या मनाई जाएगी। शनिवार को शनि मंदिरों में तेलाभिषेक सहित अन्य धार्मिक आयोजन होंगे। शनि की साढ़ेसाती और ढैया से पीडि़त जातक सूर्य पुत्र की पूजा के साथ ही काली वस्तुएं दान करें। इस अवसर पर मंदिरों में कार्यक्रम होंगे। साथ ही हनुमानजी की भी पूजा अर्चना की जाएगी। अगली शनिचरी अमावस्या 4 दिसंबर, 21 को पड़ेगी। इस बार शनिश्चरी अमावस्या पर पुनर्वसु नक्षत्र रहेगा। ऐसे में गुरु ग्रह का इस नक्षत्र में होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है।