कभी अजमेर राजस्थान का एज्यूकेशन हब कहा जाता था। लेकिन हालात पिछले 20-30 साल में बदल गए हैं। यह शहर एक साइंस पार्क को तरस रहा है। पिछले सात महीने से इसका कामकाज भी शुरू नहीं हो सका है।
अजमेर में बहु प्रतीक्षित साइंस पार्क का शिलान्यास पिछले साल 9 सितम्बर को झलकारी बाई स्मारक के समक्ष पूर्व उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने किया था। इसका क्षेत्रफल 20 हजार 234 वर्ग मीटर है। साइंस पार्क के निर्माण में 15 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत आएगी। यह पार्क करीब 23 महीने में बन कर तैयार होना है। साइंस पार्क की स्थापना के प्रयास लम्बे समय से जारी थे। केंद्रीय कला एवं संस्कृति मंत्रालय से स्वीकृति मिलने के बाद इसका शिलान्यास कराया जाना संभव हुआ।
कब शुरू होगा काम
साइंस पार्क राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद की देखरेख में तैयार होगा। आधा खर्च स्मार्ट सिटी योजना के तहत वहन किया जाएगा। लेकिन शिलान्यास के बाद अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। शहर वासियों, स्टूडेंट्स और रिसर्च स्कॉलर के पास साइंस के मॉडल देखने और समझने का कोई विकल्प नहीं है।
साइंस पार्क राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद की देखरेख में तैयार होगा। आधा खर्च स्मार्ट सिटी योजना के तहत वहन किया जाएगा। लेकिन शिलान्यास के बाद अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। शहर वासियों, स्टूडेंट्स और रिसर्च स्कॉलर के पास साइंस के मॉडल देखने और समझने का कोई विकल्प नहीं है।
यह होगी खासियत
साइंस पार्क में आमजन को विज्ञान के रहस्यों से रूबरू होने का मौका मिलेगा। यहां तारामंडल, आकाशगंगा और सनशाइन गैलेरी के बारे में ऑडियो-वीडियो से जानकारी दी जाएगी। लोग आधुनिक तकनीक से इसका वास्तविक अनुभव कर सकेंगे। पार्क में चंद्रमा और बृहस्पति ग्रह पर इंसान का वजन, पृथ्वी से दूरी, तारामंडल में घूमते ग्रह, सूर्य से दूरी और अन्य बातों को जानने का मौका मिलेगा। थ्री डी थियेटर में फिल्म दिखाई जाएंगी। इनोवेशन र्लनिंग हब और आउटडोर मॉडल्स में डायनोसोर, सौर और पवन ऊर्जा के बारे में जानकारी दी जाएगी।
साइंस पार्क में आमजन को विज्ञान के रहस्यों से रूबरू होने का मौका मिलेगा। यहां तारामंडल, आकाशगंगा और सनशाइन गैलेरी के बारे में ऑडियो-वीडियो से जानकारी दी जाएगी। लोग आधुनिक तकनीक से इसका वास्तविक अनुभव कर सकेंगे। पार्क में चंद्रमा और बृहस्पति ग्रह पर इंसान का वजन, पृथ्वी से दूरी, तारामंडल में घूमते ग्रह, सूर्य से दूरी और अन्य बातों को जानने का मौका मिलेगा। थ्री डी थियेटर में फिल्म दिखाई जाएंगी। इनोवेशन र्लनिंग हब और आउटडोर मॉडल्स में डायनोसोर, सौर और पवन ऊर्जा के बारे में जानकारी दी जाएगी।