अजमेर.कहते हैं किसी टीम का नेतृत्व कुशल हाथों में हो तो धरातल पर प्रगति भी नजर आती है। smar tcity स्मार्ट के रूप में चयनित राज्य के अजमेर में जहां चार माह पूर्व प्रोजेक्टों की प्रगति धीमी होने और आवंटित राशि खर्च नहीं होने पर केन्द्र सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा था कि शेष राशि का आवंटन नहीं किया जाएगा वहीं अब तक आवंटित राशि भी वापस ले ली जाएगी। वहीं अब केन्द्र सरकार ने स्मार्ट सिटी अजमेर Ajmer Smart City को दो चरणों में 49 करोड़ रूपए की दूसरी किस्त installment का आवंटन कर दिया है। मामले में खास यह भी है कि केन्द्र सरकार ने जयपुर व कोटा स्मार्ट सिटी Kota-Jaipur smart city से पहले यह राशि अजमेर को आवंटित की है। इसके लिए स्मार्ट सिटी अजमेर के सीईओ प्रकाश राजपुरोहित ने विशेष प्रयास किए। उन्होनें कई बार केन्द्र सरकार के आवासन शहरी कार्य मंत्रालय ने मंत्रालय के संयुक्त सचिव से भी वार्ता की।
अफसरों को सौंप रखी है प्राजेक्टों की जिम्मेदारी
अफसरों को सौंप रखी है प्राजेक्टों की जिम्मेदारी
जिला कलक्टर एंव स्मार्ट सिटी के सीईओ प्रकाश पुरोहित प्रत्येक बुधकवार को सुबह 8 से 10 बजे स्मार्ट सिटी के सभी प्रोजेक्टों को अभियंताओं के साथ निरीक्षण कर उनकी प्रगति रिपोर्ट जांचते हैं। जबकि 10.15 के बजे के बाद स्मार्ट सिटी व सभी सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक का विकास का खाका तैयार करवाते हैं। उन्होनें शहर के तीन आईएएस व पांच आरएएस अफसरों को स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों की मॉनेटरिंग का जिम्मा भी सौप रखा है। सीईओ ने अनउपयोगी प्रोजेक्टों को बंद करवा कर नए प्रोजेक्ट शुरु किए हैं। अभियंओं की भर्ती भी स्मार्ट सिटी कम्पनी में की गई है जिससे कामकाज में तेजी आए।
364 करोड़ के प्रोजेक्ट के शिलान्यास की तैयारी स्मार्ट सिटी अजमेर के 26 प्रोजेक्टों की मुख्यमंत्री के हाथों शिलान्यास की तैयारी की जा रही है। इन पर 349.84 करोड़ रुपए खर्च होंगे। एलीवेटेड रोड के 250 करोड़ के प्रोजेक्ट सहित 310.26 करोड़ के 15 प्रोजेक्ट चल रहे हैं।
2015 में लांच हुआ था स्मार्टसिटी मिशन
जून 2015 में स्मार्ट सिटी मिशन लांच किया गया था इसका कार्यकाल पांच वर्ष निर्धारित किया गया था,लेकिन अधिकतर समय बीत जाने के बावजूद मिशन गाइड लाइन के अनुसार लक्ष्य से पीछे चल रहा है। इस मुद्दे पर कई बार चर्चा हो चुकी है,यहंा तक संसदीय कार्य समिति की बैठक में भी यह मुद्दा था। केन्द्र सरकार ने इन शहरो को आवंटित की गई राशि को 30 जून तक खर्च करने और उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी) भेजने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा केन्द्र सरकार ने 2017-18 तक आवंटित की गई राशि का विवरण जुलाई के अंत तक भेजने को कहा है, ऐसा नही करने पर खर्च से शेष राशि व आवंटित राशि रिकवर की जाएगी। स्मार्ट सिटी अजमेर को 196 करोड़ का फंड जारी किया गया लेकिन 65.16 करोड़ की यूसी जून तक केन्द्र सरकार को नहीं भेजी गई। स्मार्ट सिटी कोटा को 196 करोड़ का फंड मिला लेकिन 113.48 करोड की यूसी जून तक केन्द्र सरकार को नहीं भेजी गई। स्मार्ट सिटी जयपुर को 196 करोड़ का फंड जारी किया गया लेकिन 54.77 करोड़ की यूसी जून तक केन्द्र सरकार नहीं भेजी गई।
जून 2015 में स्मार्ट सिटी मिशन लांच किया गया था इसका कार्यकाल पांच वर्ष निर्धारित किया गया था,लेकिन अधिकतर समय बीत जाने के बावजूद मिशन गाइड लाइन के अनुसार लक्ष्य से पीछे चल रहा है। इस मुद्दे पर कई बार चर्चा हो चुकी है,यहंा तक संसदीय कार्य समिति की बैठक में भी यह मुद्दा था। केन्द्र सरकार ने इन शहरो को आवंटित की गई राशि को 30 जून तक खर्च करने और उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी) भेजने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा केन्द्र सरकार ने 2017-18 तक आवंटित की गई राशि का विवरण जुलाई के अंत तक भेजने को कहा है, ऐसा नही करने पर खर्च से शेष राशि व आवंटित राशि रिकवर की जाएगी। स्मार्ट सिटी अजमेर को 196 करोड़ का फंड जारी किया गया लेकिन 65.16 करोड़ की यूसी जून तक केन्द्र सरकार को नहीं भेजी गई। स्मार्ट सिटी कोटा को 196 करोड़ का फंड मिला लेकिन 113.48 करोड की यूसी जून तक केन्द्र सरकार को नहीं भेजी गई। स्मार्ट सिटी जयपुर को 196 करोड़ का फंड जारी किया गया लेकिन 54.77 करोड़ की यूसी जून तक केन्द्र सरकार नहीं भेजी गई।