रस्म के दौरान खादिमों ने मजार शरीफ पर गुलाबजल और केवड़े से गुस्ल दिया, इत्र, चंदन आदि पेश किए। जायरीन ने दरगाह के विभिन्न स्थानों की धुलाई भी की। रस्म के दौरान कई जायरीन कुल के छींटों में नहाए भी और पानी को बोतलों में भर कर साथ ले गए। बड़े कुल की रस्म के साथ ही ख्वाजा साहब का उर्स विधिवत रूप से सम्पन्न हो गया।
वहीं जुमे की नमाज में गजब का जुनून देखने को मिला। दरगाह परिसर नमाजियों से खचाखच भरने के बाद दरगाह के बाहर सड़कों पर नमाजी बैठने लगे। देखते ही देखते दरगाह बाजार, नला बाजार, लंगरखाना गली, धानमंडी, देहली गेट तक नमाजियों की लम्बी लाइन लग गई। दरगाह के आस-पास विभिन्न गलियों में और मकानों की छतों पर जायरीन ने नमाज पढ़ी। सभी ने मुल्क में अमन-चैन और खुशहाली की दुआ की।