बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज के नियमित विद्यार्थियों की ब्रांच सेमेस्टर और प्रायोगिक परीक्षाएं राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कराता है। सेमेस्टर, प्रायोगिक और प्रतियोगिता परीक्षाओं, प्रोजेक्ट वर्क की तैयारी के लिए विद्यार्थियों को शैक्षिक सामग्री जुटानी पड़ती है।
उन्हें इंटरनेट, मोबाइल एप्स, पाठ्य-पुस्तकों, रेफरेंस किताबों से नोट्स, पावर पॉइन्ट प्रजंटेशन बनाने पड़ते हैं। परेशान होते विद्यार्थी इंजीनियरिंग कॉलेजों के विद्यार्थी कक्षाओं में बनाए नोट्स अथवा किताबों पर ही निर्भर हैं। विशेष टॉपिक अथवा सूचनाओं के लिए इंटरनेट का सहारा लेना पड़ता है। परीक्षाओं के पुराने पेपर, नोट्स, प्रतियोगिता परीक्षाओं के मॉडल पेपर, फाइल, प्रोजेक्ट बनाने के लिए उन्हें काफी परेशानी होती है।
कई विद्यार्थी अनुत्तीर्ण/ बैक जैसी समस्याओं से जूझते हैं। गेट, केट, भारतीय इंजीनियरिंग और अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं में ज्यादा कामयाब नहीं हो पाते। आईआईटी-एनआईटी हैं रोल मॉडल देश में कई आईआईटी और एनआईटी और उनकी एल्यूमिनी ने विद्यार्थियों के सुविधार्थ शैक्षिक डाटा बैंक बनाए हैं। इसके अन्तर्गत परीक्षाओं के पांच से दस साल पुराने सेमेस्टर पेपर, प्रायोगिक परीक्षाओं की फाइल, प्रोजेक्ट, पावर पॉइन्ट प्रजंटेशन, लघु थीसिस, प्रतियोगी परीक्षाओं के मॉडल पेपर, नोट्स, साक्षात्कार और अन्य सामग्री शामिल है।
कई आईआईटी और एनआईटी के छात्र-छात्राओं ने ब्रांचवार समूह भी बना रखे हैं। इंजीनियरिंग कॉलेज भी इसी तर्ज पर डाटा बैंक बनाएगा। इसमें विद्यार्थियों की एल्यूमिनी का भी सहयोग लिया जाएगा। कराएंगे एल्युमिनी मीट
कॉलेज पूर्व विद्यार्थियों की एल्युमिनी मीट कराएगा। इसमें विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत पूर्व छात्र-छात्राओं के सहयोग से डाटा बनवाया जाएगा। एल्यूुमनी समय-समय पर विद्यार्थियों को मार्गदर्शन भी देगी। साथ ही कॉलेज के विकास पर चर्चा करेगी।
फैक्ट फाइल -कॉलेज की स्थापना-1997-98 -ब्रांच-मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन कन्ट्रोल, कम्प्यूटर, आईटी, एमसीए, एमबीए और अन्य -अध्ययनरत विद्यार्थी-800 -सम्बद्धता-राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कई आईआईटी-एनआईटी और वहां के एल्यूमिनी ऐसी शुरुआत कर चुके हैं। हम भी ऐसा डाटा तैयार करेंगे। इससे तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ेगी।
डॉ. जे. पी. भामू, प्राचार्य राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज