अजमेर के लोकसभा उप चुनाव के लिए कर्नाटक के बेंगलुरू से 2400 वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपेट) और उत्तर प्रदेश से 2500 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) मंगवाई जाएगी। इनमें 2500 बैलेंस यूनिट (बीयू) तथा 200 कंट्रोल यूनिट (सीयू) शामिल हैं। मशीनें लेने के लिए जल्द ही अजमेर से अधिकारी इन दोनों राज्यों के लिए रवाना होंगे।
कुछ मशीनों के जरिए ट्रेनिंग दी जाएगी तथा कुछ मशीनें बैकअप के तौर पर भी रखी जाएंगी। दो हजार मशीनों का उपयोग चुनाव के दौरान होगा। लोकसभा उप चुनाव के लिए 5 जनवरी को अंतिम मतदाता सूचियों का प्रकाशन किया जाएगा। लोकसभा उपचुनाव की आचार संहिता इस माह के अंत में लग सकती है। जनवरी के अंत तक चुनाव प्रकिया पूरी हो जाएगी। हालांकि चुनाव प्रकिया पूरी करने के लिए प्रशासन के पास 8 फरवरी तक का समय है।
अजमेर में वीवीपेट का पहली बार प्रयोग
अजमेर में पहली बार वीवीपेट मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसकी खासियत यह है कि जब वोटर अपना वोट डालने के लिए बटन दबाएगा तो उसे 7 सैकंड तक इलेक्ट्रॉनिक पर्ची के जरिए यह पता चल पाएगा कि उसने उसी पार्टी के चुनाव चिह्न को वोट दिया है जिसे वह देना चाहता है। यह पर्ची बाहर नहीं आएगी।
अजमेर में पहली बार वीवीपेट मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसकी खासियत यह है कि जब वोटर अपना वोट डालने के लिए बटन दबाएगा तो उसे 7 सैकंड तक इलेक्ट्रॉनिक पर्ची के जरिए यह पता चल पाएगा कि उसने उसी पार्टी के चुनाव चिह्न को वोट दिया है जिसे वह देना चाहता है। यह पर्ची बाहर नहीं आएगी।
26 व 27 को दिल्ली में ट्रेनिंग
उपचुनाव को लेकर 26 व 27 दिसम्बर को दिल्ली में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें बतौर आरओ जिला कलक्टर गौरव गोयल, एआरओ के रूप में एडीए प्रथम कैलाश चन्द्र शर्मा तथा एसडीएम मसूदा सुरेश चावला शामिल होंगे। जबकि ईवीएम की ट्रेनिंग के लिए जिला परिषद के एसीईओ भगवत सिंह राठौड़ दिल्ली जाएंगे।
उपचुनाव को लेकर 26 व 27 दिसम्बर को दिल्ली में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें बतौर आरओ जिला कलक्टर गौरव गोयल, एआरओ के रूप में एडीए प्रथम कैलाश चन्द्र शर्मा तथा एसडीएम मसूदा सुरेश चावला शामिल होंगे। जबकि ईवीएम की ट्रेनिंग के लिए जिला परिषद के एसीईओ भगवत सिंह राठौड़ दिल्ली जाएंगे।
चुनाव तिथि पर नजरें
प्रशासन भले ही ईवीएम और वीवीपेट मशीन लाने की तैयारियों में जुटा है, लेकिन चुनाव आयोग ने अब तक उप चुनाव की तिथियां घोषित नहीं की है। दिवंगत सांसद प्रो. सांवरलाल जाट की मृत्य अगस्त में हुई थी। नियमानुसार विधानसभा अथवा लोकसभा सदस्य की मृत्यु अथवा अन्य कारण से सीट रिक्त होने पर छह महीने के भीतर चुनाव कराए जाते हैं।
प्रशासन भले ही ईवीएम और वीवीपेट मशीन लाने की तैयारियों में जुटा है, लेकिन चुनाव आयोग ने अब तक उप चुनाव की तिथियां घोषित नहीं की है। दिवंगत सांसद प्रो. सांवरलाल जाट की मृत्य अगस्त में हुई थी। नियमानुसार विधानसभा अथवा लोकसभा सदस्य की मृत्यु अथवा अन्य कारण से सीट रिक्त होने पर छह महीने के भीतर चुनाव कराए जाते हैं।