दरगाह विवाद : अजमेर का सौहार्दपूर्ण माहौल बिगड़ना नहीं चाहिए, सनातन धर्म रक्षा संघ ने प्रशासन को किया सतर्क
Ajmer Dargah News: सनातन धर्म रक्षा संघ ने कहा है कि अजमेर शहर का सौहार्दपूर्ण माहौल किसी भी हालत में खराब नहीं होना चाहिए। यह प्रशासन की जिम्मेदारी है।
अजमेर जिले में स्थित विश्वप्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करने वाले हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता को पिछले दिनों जान से मारने की धमकी मिली। विष्णु गुप्ता को अज्ञात नंबर से आए कॉल ने ‘सर तन से जुदा’ करने की धमकी दी। इस मामले को लेकर सनातन धर्म रक्षा संघ ने 3 दिसंबर मंगलवार को प्रशासन से ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। संघ के अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा कि अजमेर शहर का सौहार्दपूर्ण वातावारण बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। हमें कन्हैयालाल उदयपुर हत्याकांड से सबक लेनी चाहिए। हम सतर्क करना चाहते हैं ऐसे तत्व जो अजमेर का सौहार्दपूर्ण वातावारण को बिगाड़ना चाह रहा है उसके खिलाफ प्रशासन सख्त कार्रवाई करे।
शहर का सौहार्दपूर्ण माहौल बिगड़ना नहीं चाहिए
शर्मा ने कहा कि जहां तक प्रश्न वाद का है, वो न्यायालय के समक्ष है। इस मामले का निस्तारण अब न्यायालय ही करेगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई नागरिक अपना संवैधानिक अधिकार का उपयोग करते हुए कोर्ट में न्याय की मांग की है तो उस व्यक्ति को जान से मारने व उदयपर के कन्हैयाल जैसी घटना की पुनरावृति की धमकी देना, ऐेसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई का काम प्रशासन का है। शहर का सौहार्दपूर्ण माहौल किसी भी हालत में बिगड़ना नहीं चाहिए। ये जिम्मेदारी प्रशासन का है। शहर का सौहार्दपूर्ण माहौल किसी भी हालत में खराब नहीं होना चाहिए। यह प्रशासन की जिम्मेदारी है। शर्मा ने कहा कि अगले महीने उर्स मेला लगने वाला है। ऐसे में यदि कोई घटना होती है तो निश्चित रूप से किसी वर्ग की बदनामी होगी। हो सकता है कि अपराधी उसी वर्ग से हो। हम प्रशासन को इसके लिए भी सचेत करना चाहते हैं।
ये है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित विश्वप्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए हिंदू पक्ष ने अजमेर सिविल न्यायालय पश्चिम में याचिका दायर की। बुधवार 27 नवंबर को कोर्ट ने दरगाह में मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका को स्वीकार किया और इससे संबंधित अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस देकर पक्ष रखने को भी कहा है। इस मामले में कोर्ट 20 दिसंबर को अगली सुनवाई करेगी।